असम के 34 सरकारी स्कूलों में 10वीं बोर्ड परिक्षा (10th Board Exam) में सारे छात्र फ़ेल हो गए. राज्य सरकार द्वारा संचालित इन स्कूलों में 1000 से ज़्यादा छात्र पास होने में असफ़ल रहे. राज्य सरकार ने अब इन स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है.
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
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The Times of India के रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू (Ranoj Pegu) स्कूलों के प्रदर्शन से आग बबूला हो गए. उन्होंने बयान देते हुए कहा, ‘स्कूल की प्राइमरी ड्यूटी होती है शिक्षा देना, अगर स्कूल 10वीं की परिक्षाओं में एक भी छात्र को पास नहीं करवा सकता तो इन स्कूलों को चलाने का कोई मतलब नहीं है.’ पेगू ने कहा कि पब्लिक का पैसा ऐसे स्कूलों पर ‘बर्बाद’ नहीं होना चाहिए जहां का सक्सेस रेट ज़ीरो है.
5 साल में सबसे खराब प्रदर्शन
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बता दें कि इस साल असम स्टेट बोर्ड्स का रिज़लट्स पिछले पांच सालों में सबसे खराब रहा. इस साल सिर्फ़ 56.5% छात्र ही पास हुए. राज्य सरकार के 68 स्कूलों में सिर्फ़ 10% छात्रों ने 10वीं की परीक्षा पास की. इतने बुरे प्रदर्शन से राज्य सरकार और खास कर शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.
छात्रों अन्य स्कूल में ले सकेंगे एडमिशन
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गौरतलब है कि इन छात्रों को आस-पास के अन्य स्कूलों में दाखिला लेने का अवसर मिलेगा. शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों के भविष्य से समझौता नहीं किया जाएगा. बुरे रिज़लट्स का दोष कोविड को दिया जा रहा है. ये भी कहा जा रहा है कि कई टीचर्स क्लास में ध्यान नहीं देते.
हाल ही में असम सरकार ने IIT गुवाहाटी से मदद ली थी. जिन स्कूलों में छात्रों का प्रदर्शन ठीक नहीं था उन स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग दी गई थी.शिक्षा मंत्री ने ये भी जानकारी दी कि जिन स्कूलों में एडमिशन कम होंगे उनका विलय आस-पास के स्कूलों में किया जाएगा. 2500 स्कूलों पर शिक्षा विभाग ने कड़ी नज़र रखी है.