20 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रवाद पर किताब लिखने वाले सोलन युवराज सिंह ठाकुर बने देश के पहले लेखक

20 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रवाद पर किताब लिखने वाले सोलन युवराज सिंह ठाकुर बने देश के पहले लेखकभारतीय राष्ट्रवाद पर सोलन के युवक युवराज सिंह ठाकुर ने किताब लिख कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। आप को बता दें कि महज 20 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रवाद पर किताब लिखने वाले युवराज सिंह ठाकुर सबसे युवा लेखक बन चुके है। वह छोटी सी उम्र में अपने विचारों से शशि थरूर और प्रोफेसर पुष्पेश पंत जैसे कई बुद्धिजीवियों को प्रभावित कर चुके है। यह पुस्तक पश्चिमी विचारों पर भारतीय विचारों का पालन करने का तर्क देती है। युवराज के अनुसार वासुदेव कुटुम्बकम की संस्कृति को अपनाना चाहिए। वह गंगा जमुनी तहज़ीब से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर गंगा जमनी तहज़ीब भारत की पहचान है तो दक्षिण में बह रही नदियों के क्या मायने है। क्या वह भारत की पहचान नहीं है।. इन सभी बातों को आधार बना कर युवराज ने विचारों, ऐतिहासिक घटनाओं, अन्य विद्वानों द्वारा की गई टिप्पणियों की एक विस्मयकारी भूलभुलैया के माध्यम से अपना रास्ता खोजने का गंभीर प्रयास किया है और भारतीय राष्ट्रवाद को परिभाषित किया है। आज उनकी इस उपलब्धि पर उनके गुरु मणिकेतन साहू भी बेहद खुश है और उन्होंने कहा कि अभी तो युवराज ने सफलता की सीढ़ी पर पहला कदम रखा है।
बाइट मणिकेतन साहू

वहीँ युवराज ने बताया कि इस बुक में फोरवर्ड जेएनयू के प्रोफ्रेसर पुष्पेश पंत द्वारा लिखा गया है जो इस बुक की शान बढ़ा रहा है। पुष्पेश पंत वर्तमान में फॉरन मिनिस्टर जयशंकर के गुरु भी रह चुके है। युवराज ने बताया कि आज देश पाश्चात्य संस्कृति में रंगा हुआ नज़र है। जिसकी वजह से हम अपने अतीत ,और भारतीय विरासत को भूलते जा रहे है। जो देश के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि आज देश को ज़रूरत है हम वासुदेव कुटुम्बकम की विचारधारा को अपनाएं और सभी एक साथ मिल कर आगे बढ़ें। युवराज ने कहा कि आज युवाओं को राजनीतिक दलों की विचारधारा की आवश्यकता नहीं है। बल्कि वासुदेव कुटुम्बकम की विचारधारा की आवश्यकता है।