शिमला, 25 सितंबर : अटल सुपर स्पेशियलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान शिमला के उद्घाटन से पहले हिमाचल किसान सभा ने संस्थान की स्वास्थ्य सेवाएं पर सवाल उठाए हैं। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस बारे में सोशल मीडिया के जरिए सरकार से मांग की थी कि श्रेय लेने और अपने नाम का पत्थर जड़ने की जल्दबाजी में आधी-अधूरी सुविधाओं के साथ संस्थान का उद्घाटन न करें।
डॉ. तंवर ने कहा कि शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर सहित प्रदेश भर से मरीज विशेषज्ञ सेवाओं के लिए आईजीएमसी में आते हैं, लेकिन क्षमता कम होने के कारण आईजीएमसी में मरीजों की भीड़ अधिक रहती है। गंभीर बीमारियों के दो से तीन मरीजों को एक ही बिस्तर पर सोना पड़ता है।
यह न केवल अमानवीय है बल्कि एक से दूसरे मरीज में गंभीर संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। इसलिए एक अन्य संस्थान की आवश्यकता थी जिसका किसान सभा स्वागत करती है। लेकिन बिना पूरी सुविधाओं के इसे शुरू करना गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए घातक होगा।
डॉ. तंवर ने कहा कि सुपर स्पेशियलिटी में ऐसे मरीज भर्ती होंगे जिनको चौबीस घंटे डॉक्टर और स्टाफ की उपलब्धता चाहिए। परन्तु अभी तक उनके लिए चमियाणा में आवासीय सुविधा नहीं है। संस्थान में अभी भी ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए एयर सेपरेटर प्लांट नहीं है। इसलिए ऑक्सीजन सिलेन्डरों पर ही निर्भरता रहेगी। लेकिन ऑक्सीजन के ट्रक लाने ले जाने के लिए सड़क की चौड़ाई और पहुंच पर्याप्त नहीं है।
डॉ. तंवर ने कहा कि संस्थान में अभी ब्लड बैंक सेवाओं को चलाने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार पर्याप्त जगह नहीं है। सभी सुपर स्पेशियलिटी विभागों के लिए लैब सुविधाएं देने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। वहीं आपातकालीन सेवाएं देने के लिए रेजिडेंट और फैकल्टी की भर्ती नहीं की गई है। दाखिल हुए मरीजों के लिए दवाएं अथवा खाद्य वस्तुओं की उपलब्धता की कोई तैयारियां नहीं है। कैंटीन तक अभी किसी को नहीं दी गई है।