Ateeq ahmed and ashraf ahmed murder case: प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। जब यह वारदात हुई उस वक्त वहां भारी संख्या में पत्रकार थे। घटनास्थल पर मौजूद एक संवाददाता शिवकुमार ने आंखों देखी पूरी घटनाक्रम बयां किया।
प्रयागराज: पुलिस कस्टडी में बाहुबली अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या की घटना का वीडियो सामने आने के बाद कई तरह की बातें हो रही हैं। यह वारदात जब हुई उस वक्त मीडियाकर्मी अतीक और अशरफ से बाइट ले रहे थे। उसी दौरान यह घटना घटी है। घटनास्थल पर मौजूद टाइम्स नाउ नवभारत के स्थानीय संवाददाता शिवकुमार मौजूद थे। शिवकुमार ने घटना का आंखों देखा हाल एक निजी टीवी चैनल पर बयां की। शिवकुमार ने बताया कि हमलावरों की ओर से गोली चलाने के तुरंत बाद एक पुलिस वाले ने गोली चलाई, लेकिन निशाना चूक गया। पुलिस वालों की ओर से अगली फायरिंग से पहले ही तीनों युवकों ने हाथ खड़े करके सरेंडर करने की मुद्रा में आ गए। तभी 10-12 पुलिसवालों ने तीनों लोगों को पकड़ा। शिवकुमार ने बताया कि वह इतना ही देख पाए कि पुलिसवालों ने भी गोली चलाई। हालांकि गोलीबारी के बीच अपनी जान को बचाने के फेर में यह नहीं देख पाए कि पुलिसवालों ने कितनी गोली चलाई।
उन्होंने बताया कि तीनों युवक मीडियाकर्मी के रूप में आए थे। इससे पहले उन्हें कभी भी प्रयागाराज में नहीं देखा गया। शिवकुमार ने बताया कि 10.31 मिनट पर यह गोलीकांड हुआ है। उन्होंने बताया कि अतीक और अशरफ पुलिस वाहन से उतरकर अस्पताल की ओर करीब 10 कदम ही चले थे कि उन्हें गोली मार दी गई।
संवाददाता शिवकुमार ने बताया कि पहली और दूसरी गोली अतीक अहमद को लगी, तीसरी गोली अशरफ को मारी गई। उन्होंने बताया कि जब गोली चलने लगी तो वह न्यूज एजेंसी पीटीआई के रिपोर्टर को सीने से छिपकाकर जमीन पर लेट गए। उन्होंने बताया कि उनके दिमाग मे आया कि पीटीआई के रिपोर्टर बच्चों के पिता हैं इसलिए उनका बचना ज्यादा जरूरी है। वह खुद कुंवारे हैं इसलिए उन्हें गोली लग भी जाती है तो कोई बात नहीं।