बाहुबली अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को पुलिस घर से उठाकर ले गई थी। अब उन बच्चों का पता नहीं लग पा रहा है। अतीक की पत्नी शाइस्ता का दावा है कि बच्चे बाल सुधार गृह में नहीं हैं, जहां उनके होने का पुलिस दावा कर रही है। कोर्ट ने इस संबंध में पुलिस से जवाब मांगा है, जिस पर 10 फरवरी को सुनवाई होगी।
दरअसल, 24 फरवरी को प्रयागराज में वकील उमेश पाल की 7 शूटरों ने घेरकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड का वीडियो फुटेज सामने आया, तो पूरा उत्तर प्रदेश हिल गया। फिल्मी स्टाइल में शूटरों ने उमेश पाल को गोली मारी थी। मामले में पाल की पत्नी जया ने अतीक अहमद के परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने बाहुबली अतीक अहमद के घर से 7 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें उसके दो नाबालिग बेटे एहजम और आबान भी शामिल हैं।
पुलिस ने अतीक के प्रयागराज के चकिया स्थित घर में छापेमारी की थी। इस दौरान घर में मौजूद दोनों बेटों एहजम और आबान के अलावा उनके चार दोस्तों और एक घर में काम करने वाले नौकर को भी हिरासत में लिया था। शाइस्ता परवीन का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के नाम पर अवैध तरीके से उनके बेटों को घर से उठाकर गायब कर दिया है। उनका पता नहीं चल पा रहा है।
शाइस्ता परवीन के वकील विजय मिश्र ने कोर्ट में बताया था कि धूमनगंज प्रभारी निरीक्षक की आख्या के अनुसार शाइस्ता परवीन के दो नाबालिग बेटे खुल्दाबाद में घूमते हुए पाए गए थे। आरोपी के पुत्र नाबालिग थे, इसलिए पुलिस ने उन्हें खुल्दाबाद के बाल संरक्षण गृह में दाखिल करा दिया था, लेकिन बाल संरक्षण गृह में पता करने पर बताया गया कि शाइस्ता परवीन के दोनों नाबालिग लड़के वहां नहीं हैं।
यह बात सिर्फ अतीक की पत्नी शाइस्त के वकील ही नहीं कह रहे हैं बल्कि बच्चों के पुलिस बाल सुधार गृह में होने से जिला प्रोबेशन अधिकारी भी इनकार कर रहे हैं। ऐसे में शाइस्ता ने प्रयागराज न्यायालय के मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की अदालत में ऐप्लीकेशन दिया है। शाइस्ता की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 फरवरी को पुलिस को जवाब तलब किया है। कोर्ट ने बाल सुधार गृह के अलावा पुलिस को भी नोटिस जारी कर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
अब सवाल ये है कि अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटे अगर बाल सुधार गृह में भी नहीं हैं तो फिर कहां हैं और पुलिस इस संबंध में साफ बात क्यों नहीं बता रही है। बताया गया है कि एक सिपाही ने कोर्ट में आख्या भेजी थी, जो स्पष्ट नहीं थी। जिसके बाद कोर्ट को स्पष्ट आख्या देने के लिए पुलिस को आदेश देना पड़ा। संभावना है कि शुक्रवार को कोर्ट में पुलिस की रिपोर्ट के बाद इस पहेली का हल मिल जाए।