मांसपेशियों में कभी-कभी मरोड़ और ऐंठन होना सामान्य है, लेकिन अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में खासतौर से ऐसा हो रहा हो तो यह प्रोस्टेट, लंग और ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो स्पाइनल कॉर्ड को प्रभावित करने वाला कैंसर खतरनाक होता है। समय पर इसका इलाज न कराए जाने की स्थिति में व्यक्ति को पैरालिसिस भी हो सकता है।
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इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपने स्वास्थ्य की तरफ उनका ध्यान ही नहीं जाता। यही वजह है कि लोग अचानक से किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता। ऐसी कई बीमारियां हैं, जो पलक झपकते ही व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती हैं, लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिनके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते और वह धीरे-धीरे इंसान को जकड़ती हैं। इन्हीं में से एक कैंसर।
यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के कुछ सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़कर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। कैंसर के लक्षणों की कोई गिनती नहीं है। कहने का मतलब है कि यह बढ़कर शरीर में वहां फैल सकता है जहां तंत्रिकाएं मौजूद होती हैं। इससे व्यक्ति को मांसपेशियों में मरोड़ या ऐंठन का अनुभव होता है। मांसपेशियों में कभी-कभी मरोड़ और ऐंठन होना सामान्य है, लेकिन अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में ऐसा हो रहा है, तो यह कुछ तीन प्रकार के कैंसर का संकेत है, जिसकी समय रहते पहचान करना बहुत जरूरी है।
मांसपेशियां क्यों सिकुड़ती है
लक्षण आमतौर पर तब पैदा होते हैं, जब ट्यूमर दिमाग पर दबाव डालना शुरू कर देता है। इसमें अंग काम बंद कर देते हैं। ब्रेन ट्यूमर दिमाग में न्यूरॉन्स को परेशान कर सकता है, जिससे मांसपेशियों में संकुचन, मरोड़, सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है। टेम्पोरल लोब, फ्रंटल लोब और पैरिएटल लोब में फैलने वाले ट्यूमर एकाग्रता, सोचने और निणर्य लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसलिए शरीर में हो रहे असामान्य बदलावों से जूझ रहे किसी भी व्यक्ति को जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
स्पाइन कॉर्ड को प्रभावित करने वाला कैंसर है खतरनाक
रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने से मसल्स में समस्या पैदा हो सकती है। प्राइमरी और सैकंडरी ट्यूमर सहित रीढ़ में कुछ प्रकार के ट्यूमर की संभावना बन जाती है। ज्यादातर प्राइमरी ट्यूमर धीमी गति से बढ़ते हैं। रीढ़ की हड्डी में फैलने वाले कुछ कैंसर में प्रोस्टेट, लंग और ब्रेस्ट कैंसर शामिल हैं। मेटास्टेटिस की उनकी अच्छी क्षमता के कारण ये कैंसर आसानी से रीढ़ के अंदर के ऊतकों में फैल जाते हैं। दो प्रकार के ब्लड कैंसर मायलोमा और ल्यूकेमिया को भी रीढ़ की हड्डी में फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
मांसेपशियों में मरोड़ और ऐंठन में क्या अंतर है
मसल्स के आसपास होने वाले दर्द को मस्कुलोस्केलेटल पेन कहा जाता है। मरोड़ और ऐंठन दोनों मस्कुलोस्केलेटल दर्द के प्रकार हैं। मांसपेशियों में मरोड और मांसपेशियों में ऐंठन दोनों ही मांसपेशियों के सिकुड़ने के कारण होती हैं, लेकिन इन दोनों के बीच अंतर है। मरोड़ की स्थिति में मांसपेशियां कुछ देर के लिए सिकुड़ जाती हैं, जिससे व्यक्ति को बहुत तेज दर्द हो सकता है। जबकि मांसेपशियों में ऐंठन लंबे समय तक सिकुड़ने के कारण होती है। इस स्थिति में दर्द बहुत असहनीय होता है ।