पिछले साल बड़ा समझौता
विशेषज्ञों ने इस बात पर हमेशा आशंका जताई है कि अमेरिका अपने साथी जैसे ऑस्ट्रेलिया को इस तरह के हथियार नहीं सौंपेगा जो परमाणु क्षमता से लैस हैं जैसे कि परमाणु पनडुब्बी और खतरनाक फाइटर जेट एफ-22। लेकिन पिछले साल दोनों देशों के बीच अकुस समझौता हुआ। इसके बाद ये स्थिति पूरी तरह से बदल गई। इस समझौते के बाद यूके और अमेरिका के लिए ऑस्ट्रेलिया की मदद करने वाले रास्ते खुल गए। जब केंडल से पूछा गया कि क्या अमेरिका ऑस्ट्रेलिया को B-21 बॉम्बर सौंप सकता है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘ऑस्ट्रेलिया को इस समय इस हथियार की सख्त जरूरत है ताकि वह अपनी सुरक्षा कर सके। मुझे लगता है कि अमेरिका हर तरह से ऑस्ट्रेलिया की मदद करना चाहेगा और उसके हितों के लिए आगे आएगा।’
इसी साल ऐलान
B-21 स्टेल्थ बॉम्बर को अमेरिकी वायुसेना का अगली पीढ़ी का बॉम्बर करार दिया जा रहा है। 20 मई 2022 को ही अमेरिकी वायुसेना ने इस बॉम्बर के डेवलपमेंट का ऐलान किया था। फिलहाल अमेरिकी वायुसेना ऐसे 6 बॉम्बर्स को डेवलप करने पर काम कर रही है। इसे वायुसेना का सबसे खतरनाक हथियार करार दिया जा रहा है। इस बॉम्बर को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने डेवलप किया है। ग्रुप के अधिकारियों की तरफ से बी-21 को अमेरिकी बॉम्बर B-2 का एक अपग्रेडेड वर्जन करार दिया गया है।
हथियारों की क्षमता
इस बॉम्बर की खासियतें अभी तक बताई नहीं गई हैं लेकिन अधिकारियों का कहना है कि सर्विसबिलिटी के लिहाज से और इसके रखरखाव के लिहाज से बॉम्बर पिछले बॉम्बर जेट की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है। ये एक भारी जेट है जो परमाणु हथियारों के अलावा पारंपरिक हथियार ले जाने में भी सक्षम है। अमेरिकी वायुसेना का मकसद इस बॉम्बर को अगली पीढ़ी की क्रूज मिसाइल यानी लॉन्ग रेंज स्टैंड ऑफ (LRSO) से लैस करना है ताकि परमाणु मिशन को अंजाम दिया जा सके।
एयरस्ट्राइक होगी सफल
यह वॉरप्लेन न्यूक्लियर ग्रैविटी बम को कैरी कर सकता है जो B61 फैमिली से आते हैं। इसे रेडर जेट भी कहा जा रहा है क्योंकि यह दुश्मन के इलाके में घुसकर आसानी से मिशन पूरा करके वापस लौट सकता है। इस प्लेन को JASSM-ER पारंपरिक क्रूज मिसाइल से लैस किया जाएगा। साथ ही इसमें 2000 पौंड वाली जीबीयू-31 ज्वॉइंट अटैक डायरेक्टेड अटैक सैटेलाइट गाइडेड बम भी फिट किया जाएगा ताकि किसी भी एयरस्ट्राइक को सफलता से पूरा किया जा सके।