पैसा भला किसे नहीं लुभाता, कहीं खूब सारा पैसा या कीमती सामान लावारिस अवस्था में पड़ा मिले तो भला कौन नहीं उसे उठाएगा. लेकिन जो लोग ऐसी दौलत का मोह किये बिना उसे उसके असली मालिक तक पहुंचा देते हैं वही असली हीरो होते हैं. ऐसे ही लोगों ने अभी तक ईमानदारी को ज़िंदा रखा है. ईमानदारी की ऐसी ही एक और मिसाल ओडिशा के बरहमपुर में एक ऑटो चालक ने पेश की है.
ऑटो चालक ने लौटाया गहनों से भरा बैग
इस ऑटो चालक ने सोने के गहने से भरा बैग उसके असली मालिक को वापस लौटाया है. जिसके बाद बरहमपुर के इस ऑटो रिक्शा चालक की खूब तारीफ हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गलती से यात्रियों का सामान इस ऑटो चालक के ऑटो में छूट गया था. बताया जा रहा है कि एक परिवार के कुछ सदस्य सीमांचल से बरहमपुर एक समारोह में शामिल होने आए थे. बरहमपुर स्टेशन पहुंचने के बाद, उन्होंने ओम बिहार के लिए टी सिमाद्री नामक शख्स से उनका ऑटो रिक्शा किराए पर लिया. जब सवारियां अपने गंतव्य पर पहुंची तो उन्होंने किराया तो दे दिया लेकिन गलती से एक बैग ऑटोरिक्शा में ही भूल आए.
सवारियां ऑटो में भूल गईं बैग
मीडिया रपोर्ट्स के अनुसार, जब ऑटो ड्राइवर सिमाद्री को ये बैग मिला तो उन्होंने देखा कि बैग में सोने के आभूषण के साथ-साथ सवारी के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे. उन दस्तावेज पर सवारियों का नाम और पता भी लिखा था. इसके बाद बिना देर किये सिमाद्री सवारियों के घर के लिए निकल गए और उन्हें खोज कर उनका बैग लौटा दिया.
इस संबंध में ऑटो ड्राइवर टी सिमाद्री का कहना है कि उन्हें उनके पते पर छोड़ने के बाद वह नए बस स्टैंड पर गए. जब उन्हें बैग मिला तो वह अपने संघ के कार्यालय पहुंचे और अन्य साथी चालकों की उपस्थिति में उस बैग को खोल दिया. बैग में यात्रियों के पहचान पत्र के साथ जेवर भी थे
लोग कर रहे ईमानदारी की तारीफ
सिमाद्री ने आगे बताया कि उन्होंने सवारियों को उनका कीमती सामान वापस लौटाने का फैसला किया. यात्रियों के रिश्तेदार एम चाकडोला सुबुद्धि ने भावुक होते हुए कहा कि वह इस बात के लिए सिमाद्री को धन्यवाद देते हैं कि वह गहने देखकर लालची नहीं हुए और पूरी ईमानदारी से बैग वापस कर दिया. सुबुद्धि ने कहा कि सिमाद्री ने ईमानदारी की एक मिसाल कायम की है.
अब पूरे इलाके में सिमाद्री के ईमानदारी के चर्चे हो रहे हैं. लोग कह रहे हैं कि सिमाद्री ने ये साबित कर दिया है कि दौलत से बढ़ कर ईमान होता है.