देश में टू-व्हीलर की बिक्री में इस बार गिरावट देखने को मिली है। ऐसा सात साल में पहली बार हुआ है। टू-व्हीलर सेगमेंट में गिरावट चिंता का विषय है। इसकी एक वजह ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई का बढ़ता बोझ है। टू-व्हीलर की बिक्री पूर्व महामारी के लेवल से काफी नीचे है।
खूब बिक रहे थ्री-व्हीलर
थ्री व्हीलर सेगमेंट में खूब बिक्री हो रही है। इसने मार्च 2020 के अपने पिछले हाई लेवल को भी पार कर लिया है। थ्री-व्हीलर की रेकॉर्ड बिक्री हो रही है। पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट ने 14% की बढ़ोतरी के साथ ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखा है। इधर अमेरिकी सरकार की एजेंसियों ने लगातार तीसरे महीने अल नीनो के इस साल के अंत तक आने की संभावना को दोहराया है। इसके चलते खराब मानसून देखा जा सकता है। इससे ग्रामीण भारत की विकास की क्षमता और प्रभावित होगी।
टू-व्हीलर के खराब आंकड़े
टू-व्हीलर के आंकड़े काफी खराब रहे हैं। 15.9 मिलियन की कुल खुदरा बिक्री के साथ 2-पहिया सेगमेंट 7 साल के निचले स्तर पर आ गया है। वहीं थ्री-व्हीलर सेंगमेंट में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह वित्त-वर्ष 19 के पूर्व कोविड-लेवल पर वापस आ गया है। वहीं 36 लाख वाहनों की रिटेल बिक्री के साथ पीवी की बिक्री रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। ट्रैक्टरों के सेगमेंट में सबसे कम इजाफा देखा गया है। ट्रैक्टरों ने सबसे कम बढ़ोतरी दिखाई है।