1950 के दशक में राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम थे, जिनके पीछे हर कोई दीवाना था. राज कपूर की दीवानगी ऐसी थी कि न सिर्फ़ भारत बल्कि रूस तक उनके हुनर का कायल था.
रूस के लिए राज कपूर हमेशा ही एक ‘सुपरस्टार’ के रूप में रहे और उनकी फिल्म आवारा के गाने आज भी रूसी लोगों की जुबान पर हैं. तो चलिए जानते हैं पूरी कहानी कि आखिर कैसे राज कपूर और उनकी फिल्म आवारा ने रूस का दिल जीत लिया था.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस में आई बॉलीवुड फ़िल्में
साल 1950 तक दूसरा विश्व युद्ध ख़त्म हो चुका था. भारत को अंग्रेजों से आज़ादी मिल गई थी और रूस को स्टालिन की तानाशाही से. हालांकि, दोनों ही देशों की अर्थव्यवस्था बुरे हाल में थी और जनता बुरे दिनों से जूझ रही थी. रूस में उस समय तक फिल्म इंडस्ट्री फिर से पूरी तरह खड़ी नहीं हुई थी पर भारत में फ़िल्में बनना जारी था.
भारत के फिल्म निर्माता दो भागों में बंटे हुए थे. एक खेमा मौजूदा हालत की सच्चाई दिखा रहा था तो दूसरा ऐसी फ़िल्में बना रहा था जिसे देख कुछ वक़्त के लिए लोग अपने दुःख भूल जाए.
भारत और रूस के बीच अच्छे विश्विक रिश्ते थे और स्टालिन के जाने के बाद ये रिश्ता और भी मजबूत हो गया. यही वो वक़्त था जब भारत और रूस ने एक दूसरे के साथ चीज़ें बांटना शुरू किया. ‘चिन्नामुल’ वो पहली भारतीय फिल्म थी जिसे भारत ने रूस को उपहार के तौर पर दिया था.
इस फिल्म को देखकर रूस की जनता इतनी खुश हुई की वहां फिल्मों के लिए मांग बढ़ गयी. भारत ने भी अपनी दोस्ती बरकरार रखने के लिए कई फ़िल्में वहां भेजीं और ये कारवां आगे बढ़ता गया.
‘आवारा’ ने राज कपूर को रूस में फेमस कर दिया
साल 1955 में रूस में राज कपूर की मशहूर फिल्म श्री 420 रिलीज हुई. किसी को उम्मीद नहीं थी कि ये फिल्म वहां धूम मचा देगी. रूसी लोगों को ये देखकर बहुत ख़ुशी हुई कि कोई इंसान अपने रिश्तों के लिए कितना कुछ कर सकता है. राज कपूर के ऑन-स्क्रीन रोमांस, गानों और फिल्म के आखिर में मिले ‘अच्छाई की जीत’ वाले संदेश ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. रातों-रात वो रूस के लिए एक स्तर बन चुके थे.
हालांकि, अगले ही आल आई उनकी फिल्म ‘आवारा’ ने उन्हें रूस में वो शौहरत दिलाई जो आज तक किसी और बॉलीवुड स्टार को वहां नहीं मिली. साल 1956 में आई फिल्म आवारा ने तो रूस में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. राज कपूर और नर्गिस के बीच का रोमांस देख लोगों ने राज कपूर को वहां का ‘लव सिंबल’ ही मान लिया. वहीं उनका चार्ली चैपलिन से प्रेरित किरदार भी लोगों के दिलों को भा गया.
लोग इस फिल्म के इस कदर दीवाने हुए कि उन्होंने कई-कई बार सिनेमा हॉल जा कर इस फिल्म को देखा. इतना ही नहीं ‘आवारा’ रूस में रिलीज हुई आज तक की सबसे सफल फिल्मों में से एक भी बनी. सिर्फ रूस में इस फिल्म की 63 मिलियन टिकट बेची गईं. 1960 आने तक राज कपूर हर एक रूसी के दिल में बस चुके थे. लोगों के लिए फिल्मों की दुनिया में उनसे बड़ा कोई सितारा ही नहीं था.
रूस के सबसे पसंदीदा ‘कॉमरेड’ बने राज कपूर
ये बात उस समय की है जब राज कपूर की आवारा रूस में रिलीज़ हुई थी. फिल्म का गाना ‘मेरा जूता है जापानी’ वहां पर काफी प्रसिद्ध हुआ. गाना रूसियों को इतना बढ़िया लगा कि बच्चे, बड़े और बूढ़े ही नहीं सरकारी लोग भी इसके दीवाने हो गए. हालांकि, इस गाने के प्रसिद्ध होने के पीछे दो वजह थीं. पहली वजह थी राज कपूर के प्रति रूस के लोगों का प्यार. राज कपूर की फिल्मों के गाने वहाँ हर किसी की जुबान पर होते थे.
वहीं दूसरी वजह थी कि अनजाने में ही सही पर उनके इस गाने ने रूस को जापान से ऊपर बताया था. दरअसल, गाने के जो बोल हैं जैसे: “मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिश्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी“
इसमें जापनी जूते को पैरों में बताया गया और रूसी टोपी को सिर पर रखा गया. उस समय जापान और रूस के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. ऐसे में जब रूस ने देखा कि राज कपूर ने अपने गाने में जापान को नीचे बताया है तो सब ने उन्हें कॉमरेड मान लिया.
हालांकि, राज कपूर का कहीं भी किसी देश को नीचा दिखाने का अंदेशा नहीं था पर परिस्थितियों के आगे वो भी हार गए. उस दिन से राज कपूर रूस सरकार के भी पसंदीदा कलाकार बन गए.
…जब राज कपूर की गाड़ी को लोगों ने कंधों पर उठा लिया
1960 के दौरान राज कपूर ‘मेरा नाम जोकर’ बनाने जा रहे थे. उन्हें फिल्म में रूसी सर्कस के लोग चाहिए थे जिसके लिए उन्हें मॉस्को जाना था. राज कपूर उस समय लंदन में थे. उन्हें लगा था कि उनके पास रूस का वीज़ा है पर वह गलत थे. हालांकि, जब वे मॉस्को पहुंचे तो किसी ने उनसे वीज़ा के बारे में नहीं पूछा बल्कि उनका स्वागत किया गया. हर कोई राज कपूर के चेहरे से वाखिफ था.
एयरपोर्ट से राज कपूर बाहर निकले और एक टैक्सी में जा बैठे. कुछ देर बाद ही उन्होंने देखा कि उनकी टैक्सी आगे नहीं बढ़ रही है. जब उन्होंने खिड़की के बाहर झाँका तो देखा कि लोगों ने उनकी टैक्सी को अपने कंधों पर उठा लिया है. रूस के लोग उन्हें इतना पसंद करते थे कि इस तरह उनका स्वागत किया.
राज कपूर की फिल्म आवारा ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में नाम कमाया था. इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को और राज कपूर की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया था. शायद इसलिए ही आज तक लोगों की ज़बान पर इसके गाने हैं.