नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया है. इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है. समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने आज यानी कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया की राज्य सरकार ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी का रास्ता बंद कर दिया है. इसलिए यूनिवर्सिटी में जाना मुश्किल हो रहा है और सारा काम रुक गया है. वकील कपिल सिब्बल ने कहा की यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर तारों से घेरा बांध दिया गया है. इसकी वजह से यूनिवर्सिटी के अंदर कोई नही जा सकता.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा की 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. लेकिन तारों की घेराबंदी इस तरह की गई है की यूनिवर्सिटी में जाना ही संभव नहीं है. ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आवमाना है.
सिब्बल ने इस बाबत तस्वीरें भी कोर्ट को दिखाई. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी के कुछ हिस्से की जमीन को जब्त करने का आदेश दिया था. लेकिन 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. हालांकि राज्य सरकार के वकील ने आज कहा की ये घेराबंदी सुप्रीम कोर्ट के 27 जून के आदेश से पहले की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की अगर आजम खान को लगता है की ये कोर्ट की अवमानना है तो वो इस पर एक अर्जी दाखिल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दोनो पक्षों से अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.
इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी. बता दें कि इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त प्रथम दृष्टया असंगत है
और दीवानी अदालत की ‘डिक्री’ की तरह लगती है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई जमानत शर्त को चुनौती देने वाली आजम खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब भी मांगा था.