शफकत अली खान और असगर अली खान पिता-पुत्र की इस जोड़ी ने बगहा को आदमखोर बाघ से मुक्ति दिलाई। इनके बारे में कहा जाता है कि 100 मीटर की दूरी से भी निशाना लगा सकते हैं। वैसे ये मूलत: नेपाल के रहनेवाले हैं। कई बार प्रशासन इनकी मदद एक्सपर्ट की तौर पर लेता है।
अब तक नौ लोगों को अपना शिकार बना चुका था। नेपाल से आए शिकारियों (शफकत अली खान और असगर अली खान) ने ईंख के खेत में पांच गोलियां मारी। इसके बाद वहां मौजूद भीड़ ने तालियां बजाकर खुशी का इजहार किया।
बगहा का आदमखोर बाघ मारा गया
बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के आदमखोर बाघ को नेपाल से आए शिकारियों ने मार गिराया। नौ लोगों की जान लेने वाले इस आदमखोर बाघ के खात्मे के बाद वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाई। गोवर्धन थाना क्षेत्र के बलुआ गांव में आदमखोर बाघ ने शनिवार को भी दो महिलाओं को मार डाला था। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी, एनटीसीए ने आदमखोर बाघ को मारने का आदेश जारी किया था। एनटीसीए का आदेश मिलते ही शिकारियों ने बाघ को मार गिराया।
नेपाल से आए पिता-पुत्र की जोड़ी ने मार गिराया
शफकत अली खान के बारे में बाघों के प्रेमी अच्छी राय नहीं रखते हैं। वे इन्हें दुर्दांत हत्यारा कहते हैं। जिसका पेशा और शौक दोनों ही बाघों को मारना है। बाघों के संरक्षण के लिए काम करने वाले शोधकर्ता बताते हैं कि शफकत अली खान और असगर अली खान पिता-पुत्र हैं। दोनों बाप-बेटे बाघों के हत्यारे के रूप में जाने जाते हैं। जिनके नाम कई गैरकानूनी कामों से भी जुड़े हैं।
100 मीटर की दूरी से भी लगा सकते हैं निशाना
शफकत अली खान जिन्हें आदमखोर घोषित कर युवा नर बाघ को मारने के लिए बुलाया गया था, वो जंगल में 100 मीटर की दूरी से भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं। बाघों के लिए काम करने वाले लोगों का कहना है कि वो 100 मीटर से भी सटीक निशाना लगा सकते हैं। ट्रेंकुलाइजर गन का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन फिर भी वो ऐसा नहीं करेंगे। क्योंकि बाघ को मारना उनका शौक और पेशा दोनों है।