Narendra Modi Bal Mithai: पीएम नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड दौरे से लौटते समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाल मिठाई गिफ्ट की। साथ ही ब्रह्मकमल से जुड़ी एक टोपी भी भेंट की। पीएम मोदी ने इसके बाद उन्हें थैक्यू कहा। बाल मिठाई कहा मिलती है, बाल मिठाई क्यों फेमस है, इसके बार में हम आपको जानकारी दे रहे है।
देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उत्तराखंड दौरा समाप्त कर शनिवार को बद्रीनाथ से दिल्ली पहुंच चुके हैं। जौलीग्रांट हवाई अड्डे उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें विदाई दी। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने पीएम नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड की दो प्रसिद्ध चीजें गिफ्ट के तौर पर दी। इसे देखकर पीएम मोदी काफी खुश हो गए। सीएम धामी ने पीएम मोदी को उत्तराखंड की प्रसिद्ध बाल मिठाई (Bal Mithai) और ब्रह्मकमल से सुसज्जित टोपी गिफ्ट में दी। पीएम मोदी पहले भी बाल मिठाई की तारीफ कर चुके हैं।
बाल मिठाई का लंबा चौड़ा इतिहास है। बाल मिठाई चॉकलेट जैसी दिखती है, लेकिन इसे खोए से बनाया जाता है और शक्कर यानी चीनी के सफेद दानों से सजाया जाता है। बाल मिठाई खाने में काफी कुरकुरी होती है। इसमें प्रोटिन लैक्टोज, ग्लूकोज और वसा भरपूर मात्रा में होती है। बाल मिठाई शुद्ध दुध से भी 5 गुना ज्यादा पौष्टिक होती है। इसका स्वाद आप भूल नहीं पाएंगे। बाल मिठाई को लेकर चर्चा होती है कि ये ब्रिटिश राज के दौरान भी काफी फेमस थी। ब्रिटिश अधिकारी इसे क्रिसमस जैसे त्योहारों पर गिफ्ट में देते थे। वहीं एक चर्चा ये भी है कि बाल मिठाई 7वीं या 8वीं सदी में नेपाल से भारत के उत्तराखंड हिस्से में पहुंची। हालांकि इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है।
अल्मोड़ा को जाता है बाल मिठाई बनाने का श्रेय
बाल मिठाई को फेमस बनाने का श्रेय अल्मोड़ा (Almora Bal Mithai) के लाल जोगा सह को जाता है। 20वीं शताब्दी में अल्मोड़ा के लाल बाजार में उन्होंने बाल मिठाई बनानी शुरू की। तब यहां उनकी एकलौती बाल मिठाई की दुकान थी। वह पास के गांव फालसीमा से दुध मंगाते और उससे खोया बनाते थे। इसके बाद भूरे रंग की बर्फी काटी जाती थी। इस पर खसखस के दाने लगाए जाते थे। हालांकि बाद में खसखस की जगह चीनी के सफेद दाने लगाए जाने लगे। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में अब इसकी कई दुकान हैं। यही पर खीमा सिंह मोहन सिंह रौतेला स्वीट्स भी बाल मिठाई के लिए काफी फेमस है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी शुक्रवार को केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम गए थे, जहां उन्होंने भगवान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने के अलावा दोनों धामों में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की थी। प्रधानमंत्री भारत-चीन सीमा पर स्थित भारत के अंतिम गांव माणा भी गए थे। पीएम मोदी ने 1,267 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 9.7 किलोमीटर लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ रज्जूमार्ग रोपवे सहित 3,400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। बतौर प्रधानमंत्री के रूप में केदारनाथ का यह छठा और बद्रीनाथ धाम का दूसरा दौरा था।