हिमाचल की पर्वतारोही बलजीत कौर ने, हाल ही में नेपाल के, 7161 मीटर ऊंची पुमोरि शिखर पर चढ़ने में ,सफलता प्राप्त की ,और ऐसा करने वाली वह, पहली भारतीय महिला बनी। उन्होंने पुमोरि चोटी को फ़तेह तो कर लिया है , लेकिन महिलाओं को लेकर, समाज की मानसिकता पर वे, जीत दर्ज नहीं कर पाईं। एक तरफ आर्थिक तंगी , दूसरी तरफ अपने सपनो को पूरा करने की जिद्द ,बलजीत के कदमो को रोक नही पा रही है। पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद ,अब पहाड़ की बेटी ,बलजीत कौर, नेपाल के धौलागिरी पर्वत पर ,जीत हासिल करना चाहती है ,जो कि दुनिया की ,7वीं ऊंची पीक हैं।
सोलन के ममलीग के रहने वाली बलजीत कौर ने बताया कि, पहाड़ की चोटियो को ,फतह करना एक महंगा खेल हैं ,ऐसे में चोटियों पर ट्रेक करने में ,उन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ रहा है। बलजीत ने बताया कि, वे लोगो से मदद लेकर, अपने ट्रेक के लिए निकल रही है,ताकि वे अपने सपनो को ,पूरा कर सकें। बलजीत का कहना है कि, हमारे देश मे जिस तरह से ,हॉकी ओलोम्पिक खेलो को सपोर्ट किया जाता है ,उसी तरह पर्वतारोहण को भी ,प्रोत्साहित करने के सरकार को , आगे आना चाहिए। उन्होंने दुःख जाहिर करते हुए कहा कि, जब उन्हें चोटी पर विजय हासिल करने के लिए ,तैयारी करनी चाहिए,वह उस कीमती समय में ,आर्थिक मदद के लिए दर दर भटकने को मजबूर हैं।
बता दें कि ,धौलागिरी पर्वत की ऊंचाई ,8167 मीटर है जिस कारण, यह और भी ज़्यादा कठिन रास्ता बन गया है। यह पिछली बार की ,पुमोरि छोटी से लगभग 1000 मीटर ज़्यादा है। बलजीत ने कहा कि, वह इस के लिए तैयार हैं। लेकिन आर्थिक तौर पर, वह थोड़ी कमज़ोर ज़रूर महसूस कर रही है। उन्हें बहुत से लोगों ने सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि उनकी इस ट्रैक के लिए ,सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने भी,51 हज़ार रूपये से उनकी मदद की है ।