बीमारियों से बचने के लिए गले-सड़े व दूषित फल-सब्जियां बेचने पर प्रतिबंध

जिला दण्डाधिकारी आरके गौतम ने ग्रीष्मकाल व बरसात के दौरान हैजा, आंत्रशोथ, डायरिया व दस्त इत्यादि बीमारियों के प्रसार के खतरे के दृष्टिगत जिला में गले-सड़े व दूषित फल, सब्जियां व खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं।

आदेश में कहा गया है कि धूल व मक्खियों के कारण दूषित खाद्यान्न, गले-सड़े अधिक कम व अधिक पके फल व सब्जियां, शीशे के कवर से न ढके खाद्य पदार्थ मिठाईयां इत्यादि, धूल व मक्खियों के कारण दूषित हो रहे मीट, मिठाई, मछली, बिस्कुट, दूध, कोल्ड ड्रिंक को बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। एनालिस्ट के प्रमाण पत्र के बिना आईस कैण्डीज, आईसक्रीम व अन्य खाद्य वस्तु जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं, उनकी बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इन आदेशों का उल्लंघन करने पर कानूनन जुर्माना अथवा सजा का प्रावधान है।

खाद्य व पेय पदार्थों की निगरानी तथा निरीक्षण के लिए जिला दण्डाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारियों, नागरिक अथवा ग्रामीण अस्पताल के प्रभारियों, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, फूड सेफ्टी अधिकारी, नगर परिषदों व नगर पंचायतों के निरीक्षक एवं सेनेटरी इंस्पेक्टर तथा सिरमौर जिला के समस्त कार्यकारी मैजिस्टेट को दुकानों, मण्डियों, भवनों अथवा निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फल, सब्जियों, मीट, दूध दही व पेय पदार्थों को मौके पर इनका निस्तारण करने के लिए प्राधिकृत किया है।

जिला दण्डाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सरकारी अथवा निजी जल संग्रहण टैंक पूरी तरह से साफ होने चाहिए तथा इनमें ब्लीचिंग पाउडर व क्लोरिनेशन किया जाना चाहिए। इस संबंध में आम जनता से भी सहयोग करने की अपील की गई है।