भोपाल में जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिबंधित सुतली बम फोड़ने से एक युवक के कान का पर्दा फट गया। पांच अन्य की आंख की रोशनी चली गई। युवक और उसके दोस्त दिवाली की रात सुतली बम फोड़ रहे थे।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सुतली बम की आवाज से एक युवक के कान का पर्दा फट गया। युवक को पहले सीटी जैसी आवाज आई और फिर सुनाई देना बंद हो गया। दिवाली के दिन आतिशबाजी में पांच लोगों के आंखों की रोशन चली गई।
बता दें कि युवक और उसके दोस्त दिवाली की रात सुतली बम फोड़ रहे थे। एक बम युवक के पास ही फट गया, जिससे उसके कान में सीटी की आवाज आने लगी। युवक सामान्य बात मानकर रात में सो गया। रात भर कान में दर्द हो रहा था। सुबह अचानक दर्द बढ़ गया और आवाज सुनवाई भी देना बंद हो गया। वह डॉक्टर के पहुंचा, जब जांच की तो पता चला कि कान का पर्दा ही फट गया है और अंदर जख्म भी हो गया है। इसके अलावा दिवाली की रात आतिशबाजी से पांच लोगों की आंख की रोशनी भी चली गई, इसमें तीन बच्चे शामिल हैं।
भोपाल में ध्वनि के निर्धारित मानकों से अधिक शोर दर्ज किया। राजधानी में पहली बार ध्वनि प्रदूषण की जांच के लिए ऑटोमैटिक मॉनीटरिंग स्टेशन लगाए गए हैं। दिवाली की रात साइलेंस जोन यानी संत हिरदामरा नगर में अस्पताल के पास लगे स्टेशन में ध्वनि प्रदूषण अधिकतम 98.1 डेसीबल दर्ज किया गया। जबकि यह रात में 40 डेसीबल होना चाहिए। वहीं, आवासीय क्षेत्र पर्यावरण परिसर में लगे मॉनिटरिंग स्टेशन में ध्वनि प्रदूषण 95.5 डेसिबल दर्ज किया गया। जबकि यह रात में 45 डेसिबल तक रहना चाहिए।
कमर्शियल क्षेत्र हमीदिया रोड पर लगे मॉनीटरिंग सिस्टम में अधिकतम ध्वनि प्रदूषण 109.6 डेसिबल दर्ज किया गया, जबकि यह रात में 70 डेसीबल रहना चाहिए। इसके अलावा गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र के मॉनीटरिंग सिस्टम में ध्वनि प्रदूषण 98.1 डेसीबल दर्ज किया गया, जबकि यह रात में 70 डेसीबल रहना चाहिए।