Bana Singh: राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हुए शामिल, जानें कौन हैं परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह

तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 7 सितंबर को शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में संपन्न होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने सर्दी के मौसम और बारिश के बीच शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ पहुंचे। यहां के हटली मोड़ से भारत जोड़ो यात्रा फिर शुरू हुई।

 
  • कश्मीर में ही जन्में बाना सिंह

    कश्मीर में ही जन्में बाना सिंह

    बाना सिंह का जन्म जम्मू-कश्मीर के काद्याल में एक पंजाबी सिख परिवार में 6 जनवरी, 1949 को हुआ था।

     

  • 1987 को सियाचिन में मिली तैनाती

    1987 को सियाचिन में मिली तैनाती

    बाना सिंह को जून 1987 में 8वीं जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री को सियाचिन एरिया में तैनात किया गया था। यहां पाकिस्तानी सैनिक घुसपैठ करके सियाचिन ग्लेशियर पर पहुंच जाते थे।

     

  • बाना सिंह की लीडरशिप में बनी स्पेशल टीम

    बाना सिंह की लीडरशिप में बनी स्पेशल टीम

    घुसपैठियों से सियाचिन को खाली कराने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया था। नायब सूबेदार बाना सिंह भी इसका हिस्सा थे।

     

  • रेंगकर पाकिस्तानी बंकर तक पहुंची बाना सिंह की टीम

    रेंगकर पाकिस्तानी बंकर तक पहुंची बाना सिंह की टीम

    पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने में बाना सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई। कायद चौकी तक जाने वाला रास्ता बहुत मुश्किल और खतरनाक था। उन्होंने वहां तक पहुंचने में अपनी टीम का नेतृत्व किया। बर्फ की दीवार पर वे रेंगकर चढ़े और दुश्मन पर ग्रेनेड फेंकने लगे।

     

  • पाकिस्तानी बंकर पर घुसकर फेंके ग्रेनेड

    पाकिस्तानी बंकर पर घुसकर फेंके ग्रेनेड

    बाना सिंह की टीम ने करीब 21,000 फीट की ऊंचाई पर बैठे पाकिस्तानी सैनिकों के बंकर में ग्रेनेड फेंका और कई पाकिस्तानी सैनिक मार गिराए।
    26 जून, 1987 को कायद पोस्ट पर भारत का कब्जा हो गया।

     

  • चौकी को नाम दिया गया बाना टॉप

    चौकी को नाम दिया गया बाना टॉप

    राइफलमैन चुन्नी लाल, लक्ष्मण दास, ओम राज और कश्मीर चंद ने नायब सूबेदार बाना सिंह के नेतृत्व में चौकी पर कब्जा कर लिया और वहां तिरंगा फहरा दिया। इस चौकी का नाम ‘बाना टॉप’ किया गया।
     

  • 1988 में दिया गया था पदक

    1988 में दिया गया था पदक

    बाना सिंह को राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में लद्दाख के सियाचिन में 1988 में हुए ऑपरेशन के लिए इस पदक से सम्मानित किया गया था।