‘द फ्रस्ट्रेटेड ड्रॉप आउट’ से फेमस चायवाला शुभम सैनी अपने चाय दुकान पर.
बेंगलुरु: बेंगलुरु के एक चाय दुकान वाला अपने समाचार की सुर्ख़ियों में छाया हुआ है. मामला ये है कि ‘द फ्रस्ट्रेटेड ड्रॉप आउट’ से फेमस ये बेंगलुरु का चायवाला ग्राहकों से बिटकॉइनको भुगतान के रूप में स्वीकार करने के कारण सुर्खियों में है. ‘द फ्रस्ट्रेटेड ड्रॉप आउट’ नाम की चाय की दुकान के मालिक 22 वर्षीय शुभम सैनी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान बताया कि उसे ग्राहकों ने बिटकॉइन में भुगतान की पेशकश की थी. तब से उसने बिटकॉइन को हीं भुगतान के रूप में स्वीकार करने लगा.
सैनी को क्रिप्टो मार्केट ट्रेडिंग के बारे में तब पता चला था, जब वह रोजगार के अवसरों की तलाश में बेंगलुरु आया था. इस नवयुवक ने जल्द ही इस व्यापार के गुर सीख लिए और अपने सामान्य जीवन को “भव्य” जीवन में बदलने में सफल रहा. इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, रेवाड़ी के पूर्व छात्र बीसीए अंतिम सेमेस्टर से ड्रॉपआउट होकर क्रिप्टो ट्रेडिंग को अपना फुल टाइम जॉब बना लिया. हालांकि 2021 के अप्रैल में क्रिप्टो ट्रेडिंग की नकारात्मक मोड़ ने क्रिप्टो मार्केट को पूरी तरह से तबाह कर था. इसी दौरान शुभम के 90 प्रतिशत क्रिप्टो पोर्टफोलियो डूब गया था. वह अपने अपने माता-पिता से आर्थिक मदद मांगने के बजाय बेंगलुरु में चाय स्टॉल लगाने का फैसला लिया.
22 वर्षीय क्रिप्टो ट्रेडर के अनुसार, “चाय जैसी सरल चीज़ खरीदने के लिए क्रिप्टो का उपयोग करने की चलन” ने उसके व्यवसाय को मसहूर करने में मदद की. उन्होंने बताया आज, औसतन हर हफ्ते कम से कम 20 नए ग्राहक चाय की भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हैं. स्टॉल अब क्रिप्टो समर्थकों के लिए एक लोकप्रिय हैंगआउट स्पॉट बन गया है.
क्रिप्टो भुगतान Paxful क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जाता है. उन्होंने बताया कि क्रिप्टो में भुगतान यूपीआई पेमेंट करने जैसा आसान है. चाय की दुकान पर एक तख्ती लगी हुई है जो डॉलर के मुकाबले रुपये का अपडेटेड भाव लिखा रहता है. उन्होंने आगे बताया, “कोई भी ग्राहक जो क्रिप्टो में भुगतान करना चाहता है, उसे यूपीआई की तरह ही क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, INR को डॉलर में बदलना होता है.”