Bangladesh Economy: श्रीलंका और पाकिस्‍तान के बाद अब बांग्‍लादेश को चाहिए IMF से कर्ज, आर्थिक संकट में भारत का एक और पड़ोसी

बांग्‍लादेश (Bangladesh) की अर्थव्‍यवस्‍था इन दिनों खबरों में है। देश की स्थिति कुछ ज्‍यादा ठीक नहीं है। कुछ लोग बता रहे हैं कि ये देश भी श्रीलंका की राह पर है और अगर ऐसा है तो ये वाकई घबराने वाली बात है। वहीं इसके वित्‍त मंत्री की मानें तो ऐसा कुछ नहीं है और हालात ठीक हैं।

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ढाका: पिछले कुछ दिनों से बांग्‍लादेश की आर्थिक स्थिति को लेकर कई तरह की बातें हो रही थीं। इस बीच ही बांग्‍लादेश ने अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष से कर्ज की मांग की है। इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि देश वाकई संकट में है। दूसरी तरफ, देश के वित्‍त मंत्री मुस्‍तफा कमाल के बयान के बाद इशारा मिलता है कि दुनिया में एक और देश की मुसीबत बढ़ रहा है। मुस्‍तफा ने कहा है कि देश ने आईएमएफ से कर्ज जरूर मांगा है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बांग्लादेश पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। उन्‍होंने इस बात को मानने से साफ इनकार कर दिया है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था खतरे में है। उन्‍होंने ये भी कहा कि मैक्रोनॉमिक्‍स की स्थितियां हमेशा से ठीक हैं।

क्‍या बोले देश के वित्‍त मंत्री
बांग्‍लादेश की अर्थव्‍यवस्‍था 416 बिलियन डॉलर की है और इसे पिछले कुछ वर्षो में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली इकॉनमी करार दिया गया था। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर अब इस देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर नजर आने लगा है। इस युद्ध की वजह से ऊर्जा और खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि बांग्‍लादेश का आयात बिल बढ़ता जा रहा है और चालू खाता भी घाटा में है।

वित्‍त मंत्री के शब्‍दों में, ‘आईएमएफ को एक चिट्ठी लिखी गई है और उनसे मदद मांगी गई है। ले‍किन हमने कहीं ये जिक्र नहीं किया है कि हमें कितनी मदद चाहिए।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘हम उनकी शर्तों का इंतजार कर रहे हैं। अगर आईएमएफ की शर्तें देश के पक्ष में हुईं और हमारी विकास नीति के अनुरूप हुईं तो हम इस कर्ज को हासिल करेंगे। अगर शर्तें हमारे मनमाफिक नहीं हुई तो फिर हमें ये कर्ज मंजूर नहीं होगा।’

देश पर बढ़ा विदेशी कर्ज
एक सीनियर आईएमएफ अधिकारी की तरफ से मंगलवार को इस बात की जानकारी दी गई थी कि बांग्‍लादेश ने कर्ज के लिए अनुरोध किया है। ये कर्ज उसने ग्‍लोबल रिज‍ीलियंस और सस्‍टेनबेलिटी ट्रस्‍ट के आधार पर मांगा है। इस तरह के फंड्स में देश के लिए 150 फीसदी कोटा तय होता है। वहीं देश के लीडिंग न्‍यूजपेपर डेली स्‍टार की मानें तो उसे इस समय 4.5 बिलियन डॉलर की मदद आईएमएफ से चाहिए। प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल में देश ने खूब आर्थिक तरक्‍की की है लेकिन ये काफी नहीं है।

बांग्‍लादेश का विदेशी कर्ज जीडीपी पर 21.8 फीसदी तक बढ़ गया है। वहीं आयात पर 44 फीसदी तक खर्च बढ़ा है, फॉरेक्‍स रिजर्व 42 बिलियन डॉलर से नीचे आ गया है और बस 5 माह तक के लिए ही काफी है। जुलाई से मई माह तक देश का घाटा 17.2 बिलियन डॉलर पर था जबकि एक साल पहले यही आंकड़ा 2.7 बिलियन डॉलर पर था। बांग्‍लादेश के अलावा श्रीलंका और पाकिस्‍तान ने भी इस साल आईएमएफ से कर्ज मांगा था।