Silicon Valley Bank: अमेरिका का बड़ा बैंक सिलिकॉन वैली बैंक दिवालिया हो गया है। बैंक की वित्तीय हालात को देकते हुए उसे बंद कर दिया गया है। इस खबर के आने के बाद ना केवल अमेरिकी बाजार बल्कि दुनियाभर के बाजारों में कोहराम मच गया। दुनियाभर में मंदी की आशंका बढ़ गई है। लोगों को साल 2008 की याद आ रही है।
अमेरिका का बैंक हुआ दिवालिया, दुनिया भर में दिखा असर
अमेरिका के इस बैंक के बंद होने की खबर का असर दुनियाभर के देशों पर देखा जा सकता है। इस खबर के आने के बाद बैंकिंग सेक्टर के बेंचमार्क स्टॉक इंडेक्स में अचानक 8.1% गिरावट आ गई। ये गिरावट पिछले तीन सालों में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका असर पड़ा है। शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान के साथ बंद हुआ है। अमेरिका के इस बैंक के बंद होने के बाद हर तरफ उथल-पुथल देखने को मिल रही है। बैंक क दिवालिया होने की खबर से दुनिया भर के बाजारों में अगले कुछ दिनों तक नेगेटिव सेंटिमेंट बना रह सकता है। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं है। वहीं दुनियाभर पर एकबार फिर से मंदी का खतरा मंडराने लगा है।
क्यों बंद हुआ बैंक
बैंक की वित्तीय हालत को देखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया गया। कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन ने इसे बंद करने का निर्देश दिया। वहीं सिलिकॉन वैली बैंक के ग्राहकों की जमापूंजी की सुरक्षा की जिम्मेदारी FDIC को सौंपी गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिलिकॉन वैली बैंक अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है, जिसके पास 210 अरब डॉलर से अधिक का एसेट्स है। अमेरिका के कई शहरों में इसके ब्रांच फैले हैं। आप सोच रहे होंगे कि इतने बड़े बैंक के साथ ऐसा क्या हुआ कि इसे बंद करने की नौबत आ गई। दरअसल ब्याज बढ़ने से बैंक के हालात बिगड़ते चले गए। सिलिकॉन वैली बैंक टेक कंपनियों और नए वेंचर्स को फाइनेंशियल सपोर्ट देता है। बैंक का करीब 44 फीसदी कारोबार टेक और हेल्थकेयर कंपनियों के साथ है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में लगातार हो रही बढोतरी के चलते इन सेक्टर्स पर बुरा असर पड़ा है। निवेशकों का भी इन सेक्टर्स से आकर्षण कम हुआ है।जिसका निगेटिव असर एसवीबी( SVB) बैंक के कारोबार पर भी पड़ा । जिन कंपनियों को बैंक ने कर्ज दिया था, उन्होंने कर्ज की वापसी नहीं की, जिसका असर बैंक की वित्तीय सेहत पर पड़ा है।
क्यों याद आ रही है 2008 की
सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने के बाद लोगों को 2008 की याद आने लगी है। बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स के चलते साल 2008 में अमेरिका को सबसे बड़े बैंकिंग क्राइसिस से गुजरना पड़ा था। सिर्फ अमेरिका नहीं पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी। दरअसल लेहमन ब्रदर्श समेत अमेरिका के तमाम बैंकों ने उस दौर पर खूब लोन बांटे थे। साल 2001 से 2006 के बीच अमेरिकी रियल एस्टेट कंपनियों को जमकर लोन दिए गए। बिना ये सोचे लोन बांटे गए कि ये वापस कैसे आएंगे। उस वक्त अमेरिकी रियल एस्टेट बाजार बुलंदियों पर था। बैंकों ने भी मुनाफा कमाया, और कंपनियों को उनके एसेट्स से ज्यादा लोन तक दे दिए। लेकिन जब इस सेक्टर में मंदी आई तो बैंकों की मुश्किलें बढ़ी। कंपनियां बर्बाद होने लगी और बैंकों का कर्ज डूबने लगा। साल 2008 में लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। अमेरिका समेत दुनियाभर में मंदी की शुरुआत हो गई।