पूजा ने अपने विज्ञान शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के प्रयास से इंस्पायर अवार्ड के लिए आवेदन किया। उसका धूल रहित थ्रेशर का मॉडल जिले स्तर के बाद अब प्रदेश स्तर के लिए चुना गया। इसके बाद प्रदेेेश स्तर पर मूल्यांकन हुआ तो उसे राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए सहर्ष चुन लिया गया।
तिरपाल व घासफूस से बनी झोपड़ी में बीतती जिंदगी… मजदूर पिता की रोजाना पेट भरने की जद्दोजहद अलग से…। ऐसे विषम हालात में भी एक किमी दूर सरकारी स्कूल में पैदल पढ़ने जाने वाली कक्षा आठ की छात्रा पूजा ने कमाल कर दिया। जी हां, धूल रहित थ्रेशर का मॉडल बनाकर इंस्पायर अवार्ड के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नामित हुई गांव की ये बेटी सही मायनों में गुदड़ी के लाल की कहावत चरितार्थ कर रही है।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से इंस्पायर अवार्ड दिया जाता है। इसमें सरकारी व निजी स्कूलों के कक्षा छह से 10 तक के बच्चे जिला स्तर पर अपने वैज्ञानिक मॉडल को पेश करते हैं। सिरौली गौसपुर ब्लॉक के ग्राम अगेहरा के मजदूर पुत्तीलाल की पुत्री पूजा गांव में ही करीब एक किमी दूर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा आठ की छात्रा है।
पूजा ने अपने विज्ञान शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के प्रयास से इंस्पायर अवार्ड के लिए आवेदन किया। उसका धूल रहित थ्रेशर का मॉडल जिले स्तर के बाद अब प्रदेश स्तर के लिए चुना गया। इसके बाद प्रदेश स्तर पर मूल्यांकन हुआ तो उसे राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए सहर्ष चुन लिया गया।
अब पूजा का थ्रेशर वाले मॉडल का मूल्यांकन देश के वरिष्ठ वैैज्ञानिकों का प्रतिनिधि मंडल करेगा। पूजा के पिता पुत्तीलाल दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। जबकि माता सुनीला देवी महीने में 1500 रुपये मानदेय पर उसी सरकार स्कूल में रसोईया हैं जहां पूजा पढ़ती है।
शिक्षक राजीव बोले, स्कूल में आ रही धूल से मिला आइडिया
शिक्षक राजीव श्रीवास्तव बताते है कि साल भर पहले विद्यालय के पास एक थ्रेशर में गेहूं की मड़ाई हो रही थी। धूल विद्यालय की ओर आ रही थी। सभी परेशान थे। तब पूजा ने ही सुझाया कि क्यों न ऐसा थ्रेशर हो जो धूल न फैलाए। बस इसी सोच पर उसने काम करना शुरू किया। कबाड़ के सामान से थ्रेशर का मॉडल तैयार किया। शिक्षक ने इंस्पायर अवार्ड के लिए उसका ऑनलाइन आवेदन करा दिया।
हम अनपढ़ लेकिन बिटिया ने बढ़ाया मान
अमर उजाला से बातचीत में पूजा के पिता पुत्तलीलाल व माता सुनीला देवी ने बताया कि हम सब तो गरीबी के कारण स्कूल का मुंह नहीं देख पाए मगर बेटी ने हम लोगों का मान बढ़ा दिया। पूजा ने बताया कि शिक्षक राजीव सर ने उसे आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित किया।