Basant Panchami : बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं इस साल कब है बसंत पंचमी, पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व।
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बसंत पंचमी का पर्व माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ है। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा।
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
माघ मास की पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी का आरंभ 25 जनवरी को 12 बजकर 35 मिनट से हो रहा है जोकि 26 जनवरी को 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगी।
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी को श्री पंचमी, मधुमास और ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद सर्दियां समाप्त हो जाती है। इस दिन ज्ञान, संगीत की देवी की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि तीव्र होती है। इसलिए इस दिन किसी मांगलिक कार्य की शुरुआत करना भी काफी शुभ रहता है।
बसंत पंचमी पर करें कामदेव और देवी रति की पूजा
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें और पूरे विधि विधान के साथ मां सरस्वती की पूजा करें। ऐसी मान्यताएं है कि इस दिन कामदेव और देवी रति की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इन दोनों की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो जाती है।
बसंत पंचमी पूजा विधि
बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करके माथे पर एक पीला तिलक लगाकर देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा में पीले वस्त्र, पीले फूल, पीली मिठाई, हल्दी और पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।