Basti News: बस्ती के नागलोक को देख हो जाएंगे हैरान, यहां सांपों का रहता है बसेरा

बस्ती में अपने घर में सांप से खेलता मसूद.

बस्ती में अपने घर में सांप से खेलता मसूद.

कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती के रहने वाले मसूद आलम, जिनकी पीढ़ी दर पीढ़ी सांप पकड़ने का काम करती चली आ रही है. मसूद आलम के पिता हक्कुल की सांप के काटने से मौत भी हो चुकी है. लेकिन इनका परिवार आज भी सांपों के रेस्क्यू करने का काम नहीं छोड़ा. अपने पिता को खोने के बाद भी अब सांप पकड़ने का काम उनके बच्चें कर रहे हैं. मसूद के पिता हक्कुल ने भी अपने जीवन काल में लाखों जहरीले सांपो का रेस्क्यू किया था.

मसूद आलम सांपों के लिए एक अलग लोक ही बना रखे हैं. यहां उनके खाने पीने से लेकर रहने तक की व्यवस्था की गई है और हर परिजाति के सांपो के लिए अलग घर बनाया गया है. मसूद ने बताया कि सांप पर्यावरण के लिए बेहद ही जरूरी जीव है, जो मनुष्य और पर्यावरण के बीच एक संतुलन बनाने का काम करता है. इसलिए सांपो का संरक्षण बेहद ही जरूरी है.

हर एक जिले में सांप पकड़ने जाते है मसूद
मसूद ने बताया कि सांपों को पकड़ने के लिए मैं यूपी के हर जिले में जाता हूं. वहा से सापों का रेस्क्यू करके वन विभाग को दे देता हूं. या खुद से उन्हें लेकर जंगल में छोड़ देता हूं. जिससे उनका संरक्षण हो जाता है. मनुष्य के जीवन के लिए सांपो को बचाना बेहद ही जरूरी है.

नहीं मिला कही से कोई मदद

मसूद ने बताया कि सांपो को रखने में काफी पैसे खर्च भी होते हैं. उनको हम खाने में मुर्गे का मांस, चूहा, मेढ़क आदि देते हैं. लेकिन आज तक हम लोगों को कहीं किसी से कोई मदद नहीं मिली. सारे खर्चे खुद से करने पड़ते हैं.