जनपद की दधोल पंचायत में एक प्राचीन मंगलोत चरड कुंड स्थित है। इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग सदा के लिए खत्म हो जाता है। यही नहीं जो इंसान इस कुंड में स्नान कर लेता है उसे कभी भी चर्म रोग नहीं होता। लोगों की आस्था का प्रतीक मंगलोत चरड कुंड की ऐसी मान्यता है कि यहां स्नान करने के पश्चात व्यक्ति को अपने पुराने कपड़े वहीं छोड़ने होते है। नए वस्त्र पहनकर बिना कुंड की तरफ पलटकर देखे वहां से जाना होता है। जिसके बाद उसका चर्म रोग खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है।
वहीं इस कुंड की एक अन्य मान्यता यह भी है कि जब आस-पास के गांव में लोगों के घर कोई विवाह व पूजन का कार्य होता था। तब घर का एक सदस्य एक दिन पहले कुंड के पास आकर बर्तन मांगता था और अगले दिन उसे सभी बर्तन कुंड के किनारे मिल जाते थे। एक बार एक परिवार ने पारिवारिक कार्यक्रम के बाद कुंड को बर्तन वापस नहीं किए, जिसके बाद एक विशाल सर्प ने उनके घर दस्तक दी, जिसके बाद परिवार के मुखिया ने कुंड से माफी मांगते हुए गंदे बर्तन ही कुंड को वापिस कर दिए। जिसके बाद वह बर्तन गायब हो गए और फिर कुंड ने कभी किसी को बर्तन नहीं दिए।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्राचीन सरोवर कुंड में आज भी लोगों की अपार आस्था बनी हुई है। दूर-दूर से लोग अपने चर्म रोग को ठीक करने यहां आते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि गुजरते वक्त के साथ-साथ आज इस प्राचीन सरोवर कुंड की छवि भी धूमिल होती जा रही है। ऐसे में आवश्यकता यह है कि इसका जीर्णोद्धार किया जाए।
वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से मांग की है कि चर्म रोग निवारण इस कुंड की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसे लेकर उचित कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही इस सरोवर कुंड तक जाने के लिए उचित रास्ते, महिलाओं के स्नान के लिए स्नानागार व कपड़े बदलने के लिए चार दिवारी कमरे की व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि चर्म रोग से ग्रसित महिलाएं बिना किसी झिझक के यहां स्नान कर सके और चर्म रोग की बीमारी से निजात पा सके।