नई दिल्ली. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. सरकार बढ़ावा राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कई प्रकार के चार्जिंग पॉइंट से लैस वेसाइड सेंटर विकसित करने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग, पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर लगभग 700 साइटों की पहचान की है.
मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि चार्जिंग सेंटरों के निर्माण के कॉन्ट्रैक्ट में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन भी शामिल हैं. MoRTH के सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा, “हम राष्ट्रीय स्तर पर चार्जिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं. हमने ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए आगामी और ऑपरेशनल हाईवों पर 700 स्पॉट की पहचान की है. बुनियादी ढांचे में चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग दोनों सुविधाएं शामिल होंगी.”
नीति आयोग ने जारी की ड्राफ्ट पॉलिसी
सरकार से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वह बैटरी स्वैपिंग नीति को जल्द ही अंतिम रूप दे दे ताकि ईवी यूजर्स को अपनी मौजूदा वाहन बैटरी चार्ज करने के लिए घंटों इंतजार किए बिना स्वैपिंग स्टेशनों पर अपनी डिस्चार्ज की गई बैटरी को चार्ज यूनिट से बदलने की अनुमति मिल सके. इस मामले में NITI Aayog द्वारा बैटरी स्वैपिंग के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की गई है.
तेजी से बढ़ेगी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बैटरी स्वैपिंग इंन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने देश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की मांग तेजी से बढ़ेगी. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को एक बड़ी बाधा के रूप में दूर किया जा सकता है. ईवी सेगमेंट के लिए बैटरी स्वैपिंग अगला बड़ा विकास होगा, क्योंकि यह दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट की जरूरतों को पूरा करेगा और बाजार के आकार को बढ़ाने में मदद करेगा.
चार्जिंग बुनियादी ढांचे में होगा सुधार
भारत ने 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ईवी की संख्या बढ़ाना महत्वपूर्ण होगा. एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ग्रीन हाईवे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे अधिक से अधिक शहर अपने चार्जिंग बुनियादी ढांचे में सुधार करेंगे, राजमार्गों पर मोबिलिटी ईवी को अपनाने को बढ़ावा देगी. ईवी सपोर्ट स्टेशनों के लिए 700 साइट केवल एक शुरुआत होगी और लक्ष्य राजमार्गों के साथ हर 10-20 किमी पर चार्जिंग की सुविधा है.”