बायजू ने नवंबर 2023 तक बोर्ड के साथ करार को आगे बढ़ाया था। अब वह अलग होना चाहता है, लेकिन बीसीसीआई ने उसे मार्च 2023 तक करार जारी रखने के लिए कहा है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के दो बड़े प्रयोजक ‘बायजू’ और एमपीएल स्पोर्ट्स ने बोर्ड से नाता तोड़ने का मन बना लिया है। दोनों अपने करार को खत्म करना चाहते हैं। जून में बायजू ने बीसीसीआई के साथ करीब 289 करोड़ (35 मिलियन डॉलर) में स्पॉन्सरशिप के लिए करार किया था। इस एडटेक कंपनी ने नवंबर 2023 तक बोर्ड के साथ करार को आगे बढ़ाया था। अब वह अलग होना चाहता है, लेकिन बीसीसीआई ने उसे मार्च 2023 तक करार जारी रखने के लिए कहा है।
बीसीसीआई के अनुसार, ”बायजू ने बोर्ड को चार नवंबर 2022 को एक ईमेल भेजा था। इसमें उसने कहा था कि वह टी20 विश्व कप के साथ अपने करार को समाप्त करना चाहता है। इसके बाद बीसीसीआई और बायजू के बीच लंबी बातचीत हुई। बायजू के साथ हमारी चर्चा के अनुसार हमने उन्हें मौजूदा व्यवस्था जारी रखने और इस भागीदारी को कम से कम 31 मार्च 2023 तक जारी रखने को कहा है।”
बुधवार (21 दिसंबर) को बीसीसीआई शीर्ष परिषद में इस बारे में चर्चा हुई। बायजू ने 2019 में ‘ओप्पो’ की जगह ली थी। बायजू कतर में 2022 फीफा विश्व कप के प्रायोजकों में शामिल था। टीम किट और ‘मर्चेंडाइज’ प्रायोजक एमपीएल ने भी बोर्ड को बताया कि वह अपने अधिकार ‘केवल किरण क्लोदिंग लिमिटेड (केकेसीएल)’ को देना चाहता है। उसका मौजूदा अनुबंध 31 दिसंबर 2023 तक वैध है। एमपीएल ने नवंबर 2020 में ‘नाइक’ की जगह ली थी।
बीसीसीआई की नोट के अनुसार, ”एमपीएल स्पोर्ट्स ने बीसीसीआई को दो दिसंबर 2022 को ईमेल भेजा था जिसमें उसने अपना करार (टीम और मर्चेंडाइज) पूरी तरह से 31 दिसंबर 2023 तक ‘केवल किरण क्लोदिंग लिमिटेड’ (एक फैशन ब्रांड) को देने की मांग की है। हमने एमपीएल स्पोर्ट्स से 31 मार्च 2023 तक करार जारी रखने को कहा है या फिर आंशिक करार देने को कहा है जिसमें केवल दायीं छाती पर लगा ‘लोगो’ शामिल हो लेकिन किट बनाने का करार शामिल नहीं हो।”