हरियाणा में पिछले एक सप्ताह से पराली जलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। शुरू में पराली जाने के मामले 30 तक होते थे लेकिन अब इनकी संख्या 200 को पार कर रही है। दिवाली के नजदीक आते ही पराली जलाने के मामलों में रोजाना दो गुना तक की बढ़ोतरी हुई है।
हरियाणा में दिवाली से एक दिन पहले ही 10 शहरों की आबोहवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है, पर्यावरण में जहर घुल गया है। जमकर पटाखे फोड़े जा रहे हैं। इस सीजन में एक दिन (रविवार को) सबसे अधिक 217 स्थानों पर पराली जलाने और पटाखे फोड़ने से हालात बिगड़ गए हैं। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
प्रदेश में बल्लभगढ़ को छोड़कर एक भी शहर की हवा संतोषजनक नहीं रही। गुरुग्राम का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 को भी पार कर गया। जबकि 11 शहरों में एक्यूआई 100 से 200 के बीच (मध्यम श्रेणी) रहा। प्रदूषण बढ़ने से सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि दिवाली को कई शहरों का एक्यूआई 300 को पार कर सकता है।
प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से पराली जलाने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। शुरू में पराली जाने के मामले 30 तक होते थे लेकिन अब इनकी संख्या 200 को पार कर रही है। दिवाली के नजदीक आते ही पराली जलाने के मामलों में रोजाना दो गुना तक की बढ़ोतरी हुई है। 22 अक्तूबर को 122, 21 को 107, 20 को 78 और 19 अक्तूबर को 134 स्थानों पर पराली जलाई गई थी। रविवार को इस सीजन में सबसे अधिक 217 स्थानों पर पराली जलाने के मामले पकड़े गए। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं।