दिवाली से पहले दिल्‍ली की एयर क्‍वाल‍िटी का निकला दिवाला, रिजल्‍ट ‘पुअर’ है

दिवाली से पहले दिल्‍ली की आबोहवा खराब होने लगी है। यह हर साल की समस्‍या है। शुक्रवार को राजधानी का ओवरऑल एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स ‘पुअर’ दर्ज किया गया। हालांकि, कई स्‍थानों में यह ‘वेरी पुअर’ कैटेगरी में पहुंच गया। जानकारों ने इस बात की आशंका जताई थी कि शनिवार तक दिल्‍ली का एक्‍यूआई वेरी पुअर कैटेगरी में पहुंच सकता है।

नई दिल्‍ली: दिवाली आई दिल्‍ली चिल्‍लाई। यह हर साल का रोना है। राजधानी में दिवाली से पहले एयर क्‍वालिटी (Air Quality) का दिवाला निकलने लगा है। महानगर के कुछ इलाकों में एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स (AQI) ‘वेरी पुअर’ हो गया है। ओवरऑल रिजल्‍ट ‘पुअर’ है। इसका मतलब है कि सारे बंदोबस्‍त धरे के धरे रह गए हैं। लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। शनिवार तक दिल्ली-एनसीआर की एयर क्‍वालिटी ‘वेरी पुअर’ यानी बेहद खराब कैटेगरी में जाने की आशंका पहले ही जताई जा चुकी है। इसे देखते हुए कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं। वायु गुणवत्ता आयोग की सब कमेटी ने एयर क्‍वालिटी को लेकर बुधवार को इमरजेंसी बैठक भी बुलाई थी। हर साल दिवाली से पहले राजधानी गैस चैंबर बन जाती है। दिल्‍लीवालों का सांस लेना दूभर हो जाता है। मुश्किल यह है कि यह समस्‍या सालों साल से बनी हुई है। लेकिन, इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा है।

राजधानी की आबोहवा लगातार बिगड़ती जा रही है। एयर क्‍वालिटी मॉनिटर करने वाले सफर ऐप के मुताबिक, राजधानी का कुल एक्‍यूआई यानी एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स ‘खराब’ है। यह 262 पर है। दिल्‍ली यूनिवर्सिटी राजधानी के उन इलाकों में है जहां एक्‍यूआई ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में है। यहां यह 327 दर्ज किया गया है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है। 51 से 100 के बीच इसे मॉडरेट यानी ‘संतोषजनक’ कहा जाता है। 101 से 200 के बीच मीडियम यानी मध्यम’ होता है। 201 से 300 के बीच एक्‍यूआई पुअर यानी ‘खराब’ श्रेणी में आ जाता है। 301 से 400 के बीच यह वेरी पुअर यानी ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। दिल्‍ली में एक्‍यूआई का ताजा मेजरमेंट रात को 8 बजे के आसपास का है।

सुबह से ‘खराब’ है राजधानी का एक्‍यूआई
दिल्ली में शुक्रवार सुबह धूप खिली रही। लेकिन, वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान अनुसंधान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 9.20 बजे एक्यूआई 224 रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 24 घंटे के एक्यूआई बुलेटिन के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 228 रहा था। यह ‘खराब’ श्रेणी में आता है।

पुरानी समस्‍या, लेकिन अब तक हल नहीं
दिवाली से पहले दिल्‍ली के गैस चैंबर बन जाने की समस्‍या पुरानी है। हाल में एयर पॉल्‍यूशन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान यानी ग्रैप के दूसरे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। वायु गुणवत्ता आयोग की सब कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया था। इसके तहत मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल करें। अक्‍टूबर से जनवरी तक ऐसे निर्माण कार्य न करने की सलाह दी गई है जिनमें धूल उड़ती हो। पराली जलने से दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सक्रिय है। इसे लेकर जिले के कलेक्टर की जिम्मेदारी तय की गई है। दिल्ली-एनसीआर में आपात सेवाओं को छोड़ डीजल जनरेटर चलाने पर रोक लग गई है। इसी तरह होटल, रेस्तरां और ढाबे में कोयला-लकड़ी जलाने पर रोक है।