गुजरात, हिमाचल में चुनाव से पहले पहले PM मोदी की ‘शक्ति परीक्षा’, जानें, 6 राज्यों की 7 सीटों पर उप-चुनाव का समीकरण

देश में 6 राज्यों की रिक्त सात विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने का ऐलान हो गया है। उपचुनाव की घोषणा के बाद सभी दल इसकी तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में जानते हैं कि इन बिहार और यूपी समेत 6 राज्यों की 7 सीटों पर चुनावी समीकरण कैसे हैं।

नई दिल्ली : इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल का मुकाबला तय हो गया है। 6 राज्यों की खाली पड़ी सात विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होगा। ये उपचुनाव बिहार के मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र के अंधेरी (पूर्व), हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनुगोडे, उत्तर प्रदेश के गोला गोरखनाथ और ओडिशा के धामनगर विधानसभा क्षेत्र में होंगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार इन चुनावों की अधिसूचना 7 अक्टूबर को जारी होगी। मतों की गिनती छह नवंबर को होगी। गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनाव से पहले इन चुनावों को पीएम मोदी की शक्ति परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। आइए जानतें इन सभी सात सीटों के चुनावी समीकरण के बारे में…

​बिहार : गोपालगंज से सुभाष सिंह की विरासत पर दावेदारी

गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव को लेकर उम्मीदवार के चुनने को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। पूर्व भाजपा मंत्री और तत्कालीन विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। उपचुनाव में सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। इसको लेकर कुसुम देवी 5 सितंबर से नजसंपर्क यात्रा भी शुरू करने जा रही है। कुसुम को सहानुभूति लहर के सहारे विधानसभा पहुंचने की उम्मीद है। वहीं, महागठबंधन की तरफ से किसे टिकट दिया जाएगा, इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। कयास लगाई जा रही है कि गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव से राजद कोटे से ही कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेगा। दिवंगत विधायक सुभाष सिंह पिछले 4 बार से भाजपा से चुनाव जीते हैं। भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर पांचवी बार अपनी जीत कायम रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरेगी। गोपालगंज लालू का गृहजिला है। ऐसे में राजद इस सीट को जीत कर अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करना चाहेगी। बदले दलीय समीकरण से ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि राजद किसी वैश्य समाज से प्रत्याशी को टिकट दे सकता है। हालांकि, राजद को गोपालगंज सीट पर सिर्फ एक बार जीत मिली है। 1995 में उनके साले साधु यादव यहां से विधायक बने थे। उसके बाद फिर दोबारा आरजेडी का कोई प्रत्याशी यहां से दोबारा नहीं जीत सका।

बिहार : मोकामा में अनंत सिंह के दबदबे की परीक्षा

मोकामा विधानसभा सीट राज्य की सबसे चर्चित और हॉट सीट माना जाता है। इस सीट से 4 बार बाहुबली विधायक अनंत सिंह चुनाव जीतते रहे हैं। सजा मिलने के कारण अनंत सिंह की विधायकी जा चुकी है। ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। मोकामा विधानसभा सीट पटना जिले में है। इस सीट पर भूमिहार वोटरों का वर्चस्व है। अनंत सिंह भी भूमिहार जाति के ही हैं। भूमिहार के बाद यहां ब्राह्मण, कुर्मी, यादव, पासवान वोटरों की संख्या भी अच्छी खासी है। वहीं इस सीट पर राजपूत और रविदास जातियों के भी वोटर हैं। पूर्व विधायक अनंत सिंह यहां छोटे सरकार के नाम से मशहूर हैं। अनंत चाहे किसी पार्टी के बैनर तले लड़े हों या फिर निर्दलीय जीत उनकी ही होती आई है। माना जा रहा है कि इस बार जेल में बंद अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में उतरेंगी। लेकिन बदले समीकरण के हिसाब से एक बार फिर से लालू-नीतीश एक साथ हैं तो उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है।

​यूपी : गोला गोकर्ण नाथ सीट पर फिर से बीजेपी को चुनौती

गोला गोकर्ण नाथ सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कब्जा था। यहां से बीजेपी विधायक अरविंद गिरी का 6 सितंबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। इस वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। अरविंद गिरी लखीमपुर खीरी जिले के गोला सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। अरविंद पहले समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा में भी रह चुके थे। वह सपा से तीन बार विधायक रहे थे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। वे पहली बार 1996 में विधायक बने थे। 2014 का लोकसभा चुनाव भी वे लखीमपुर लोकसभा खीरी लोकसभा सीट से लड़े थे। इसके बाद 2017 और 2022 में बीजेपी के टिकट पर गोला गोकर्णनाथ के विधायक बने थे। उन्होंने सपा के विनय तिवारी को हराया था। अरविंद गिरि इस इलाके में खासे लोकप्रिय थे। वह गोला नगर पालिका के अध्यक्ष भी रहे।

​महाराष्ट्र : अंधेरी(ईस्ट) उद्धव और एकनाथ गुट की परीक्षा

शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की लोकप्रियता की पहली परीक्षा तीन नवंबर को मुंबई में अंधेरी (ईस्ट) विधानसभा क्षेत्र के होने वाले उपचुनाव में होगा। इस सीट का प्रतिनिधित्व शिवसेना विधायक दिवंगत रमेश लटके करते थे। आगामी चुनाव को लेकर काफी गहमागहमी है। शिवसेना के दोनों ही धड़े पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘तीर-धनुष’ पर दावा कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग फिलहाल ‘असली’ शिवसेना और चुनाव चिन्ह के आवंटन पर फैसला करने से जुड़ी याचिकाओं पर फिलहाल सुनवाई कर रहा है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिंदे गुट ने मुंबई नगर निगम के पूर्व पार्षद मुरजी पटेल को उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के दिवंगत लटके की पत्नी रुतुजा लटके को इस सीट से उम्मीदवार बनाने की संभावना है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का उपचुनाव में समर्थन करेगी। अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है।

​हरियाणा : आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई की अग्निपरीक्षा

हरियाणा के आदमपुर उप चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला है। हरियाणा की इस आदमपुर विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल का कब्जा रहा है। 2009 में भजनलाल की बहु और कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई इस सीट से विधायक बनी थीं। भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई इस सीट से विधायक थे। उनके इस्तीफे को दो महीने बाद उपचुनाव की घोषणा हुई है। कुलदीप ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। ऐसे में इस सीट पर अब कुलदीप बिश्नोई की अग्निपरीक्षा होगी। आदमपुर हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा है। चार बार कांग्रेस के विधायक और दो बार सांसद रहे कुलदीप बिश्नोई तब से नाराज चल रहे थे, जब कांग्रेस ने इस साल की शुरुआत में हरियाणा इकाई के प्रमुख पद के लिए उनकी अनदेखी की थी। कुलदीप बिश्नोई इस सीट से अपने बेटे भव्य बिश्नोई को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई ने हिसार से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। उन्होंने भी अगस्त में कांग्रेस छोड़ दी थी। इससे पहले बिश्नोई ने बीजेपी की सोनाली फोगाट को हराकर चुनाव जीता था। इस साल 22 अगस्त को सोनाली फोगाट का गोवा में मर्डर हो गया था। ऐसे में उपचुनाव में सोनाली फोगाट की बहन रुकेश पूनिया चुनाव लड़ सकती है। हाल ही में हिसार की जाट धर्मशाला में हुई सर्व खाप महापंचायत में उन्होंने इस आशय के संकेत दिए थे।

​तेलंगाना : मुनूगोड़े में टीआरएस को चुनौती देगी बीजेपी

तेलंगाना की मुनूगोड़े विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में टीआरएस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला होने वाला है। कांग्रेस विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के इस्तीफा देने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। रेड्डी अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए है। वह अब बीजेपी की टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस ने पलवई श्रावंती को को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट पर सीपीआई का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। उप चुनाव में सीपीआई ने सत्तारूढ़ टीआरएस को समर्थन देने का ऐलान किया है। सीपीआई नेताओं ने इस संबंध में सीएम टीआर चंद्रशेखर से मुलाकात कर समझौते को अंतिम रूप दे दिया है। कांग्रेस, बीजेपी और टीआरएस ने अन्य दलों के गांव और मंडल स्तर के नेताओं को अपने-अपने पाले में खींचने में जुटे हुए हैं। टीआरएस कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को खींचती रही है। वहीं, कांग्रेस टीआरएस और बीजेपी कैडर को हथिया रही है। बीजेपी यहां टीआरएस और कांग्रेस नेताओं को लुभाने में जुटी है।

​ओडिशा : धामनगर में त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद

ओडिशा के भद्रक जिला में धामनगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। घोषणा के बाद सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इस सीट पर बीजेपी, बीजद और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। 9 सितंबर को मौजूदा भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव हो रहा है। बीजेपी इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाहेगी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में भद्रक जिले का दौरा किया था। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सरत पटनायक ने उम्मीद जताई है कि उनकी पार्टी उपचुनाव जीतेगी। पटनायक का कहना है किलोग यहां भाजपा और बीजद के बीच ‘नकली लड़ाई’ को अच्छी तरह से समझ रहे हैं।