अभी कुछ माह पहले सरकार को हिलाने वाले सवर्ण संगठन के आंदोलन से सहमी हुई सरकार ने आगामी आंदोलन को कुचलने के प्रयास मंगलवार को किए। एक ओर जहां सवर्ण संगठन के नेताओं द्वारा 16 मार्च को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी। वहीं, इस आंदोलन को ऐतिहासिक बनाने के लिए सवर्ण संगठन के पदाधिकारी व सदस्य जुटे हुए थे। सरकार ने इस आंदोलन को दबाने के लिए मंगलवार को सवर्ण संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों को नजरबंद कर दिया। कई पदाधिकारियों को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया, तथा कईयों को थाना पहुंचाया। बाकायदा इन पदाधिकारियों के लिए नोटिस भी जारी किए हैं, जिसमें धरना, घेराव को तुरंत रद्द करने की बात कही गई है।
सवर्ण संगठनों द्वारा सरकार से सवर्ण आयोग के गठन की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन मांग पूरी न होने के चलते सवर्ण संगठनों ने विधानसभा सत्र के दौरान 16 मार्च को विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी, लेकिन इससे पहले ही संगठन के पदाधिकारियों को डिटेन किया गया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश महामंत्री योगेश ठाकुर सहित अन्य दो लोग शिमला के लिए ही रवाना हुए थे, लेकिन इन्हें बिलासपुर के पास ही पुलिस द्वारा रोका गया। वहीं, इन्हें घुमारवीं थाना पहुंचाया गया। इसके अलावा देवभूमि सवर्ण संगठन के प्रदेश महामंत्री डा. पंकज शर्मा, प्रदेश महिला विंग की अध्यक्षा ऊषा ठाकुर, सवर्ण संगठन के जिला अध्यक्ष विपिन ठाकुर को घर में ही नजरबंद किया गया है। वहीं, सुनील कुमार सहित अन्य सवर्ण समाज के पदाधिकारियों व कार्यकर्तओं को डिटेन किया गया है। बहराहल, 16 मार्च को होने वाला सवर्ण संगठन का घेराव कार्यक्रम सिरे चढ़ेगा या नहीं या तो आने वाले समय पर निर्भर है। उधर, इस बारे में देवभूमि सवर्ण संगठन के प्रदेश महामंत्री डा. पंकज शर्मा, देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश महामंत्री योगेश ठाकुर ने कहा कि सरकार ने सवर्ण संगठन के आंदोलन के चलते इस तरह के कदम उठाए हैं। सरकार आंदोलन के चलते डरी हुई है। उन्होंने कहा कि सवर्ण संगठनों का आंदोलन किसी तरह से भी नहीं दबेगा।