इजरायल की सत्‍ता में वापसी को तैयार बेंजामिन नेतन्‍याहू, चुनाव में बड़ी जीत की ओर पीएम मोदी के पक्‍के दोस्‍त

इजरायल (Israel) में एक बार फिर आम चुनाव हुए हैं। चार साल से भी कम समय में देश पांचवें चुनाव का सामना कर रहे देश में अगले कुछ दिनों में नए समीकरण नजर आ सकते हैं। पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू (Benjamin Netanyahu) एक बार फिर सत्‍ता में वापसी की तरफ दिख रहे हैं। एग्जिट पोल भी नेतन्‍याहू की जीत की तरफ इशारा कर रहे हैं।

Benjamin Netanyahu

यरूशलम: इजरायल में कायम राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के मकसद से देश में मंगलवार को आम चुनाव के लिए वोट डाले गए। यह चार साल से भी कम समय में पांचवां चुनाव है। इन चुनावों के बाद एक बार फिर पूर्व पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू की सत्‍ता में वापसी की उम्‍मीदें तेज हो गई हैं। एग्जिट पोल नेतन्‍याहू की जीत की तरफ इशारा कर रहे हैं। वोटो की गिनती सेंट्रल इलेक्‍शंस कमेटी में जारी है। अब तक 20 फीसदी से ज्‍यादा वोटों की गिनती हो चुकी है।

25वीं संसद के लिए चुनाव
वोटों की गिनती के मुताबिक बेंजामिन नेतन्‍याहू की अगुवाई वाला राइट ब्‍लॉक 72 सीटों पर आगे है। लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती का काम आगे बढ़ेगा, इस आंकड़ें में बदलाव होगा। इसके बाद भी एग्जिट पोल में नेतन्‍याहू के ब्‍लॉक को 62 सीटें मिलने की उम्‍मीद जताई जा रही है। चुनाव में करीब 67.8 करोड़ लोगों के पास मताधिकार है, जो 25वें नेसेट (इजरायल की संसद) का चुनाव कर रहे हैं। इस चुनाव में करीब 2,10,720 नए मतदाता हैं। मतदान पूर्व सर्वेक्षणों में एक और गतिरोध की आशंका जतायी गई है।
कैसा होगा गठबंधन
अगली सरकार की संभावना दो कारकों पर टिकी हुई है, पहला दक्षिणपंथी ध्रुवीकरण, जिसके अनुभवी नेता नेतन्याहू के पक्ष में होने की पूर्ण संभावना नहीं है। दूसरा मतदाताओं की उदासीनता, खासकर अरब क्षेत्र में। इजरायल में आमतौर पर किसी भी दल को 120 सदस्यीय संसद में बहुमत नहीं मिल पाता। इसका मतलब है कि दलों को सरकार गठन के लिए आवश्यक 61 सीट के लिए गठबंधन करना होगा। देश में पिछले चार चुनाव में किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला। कभी-कभी गठबंधन केवल मामूली अंतर से भी सरकार बनाने से चूक गए।

‘वापस लाऊंगा देश का गौरव’
नेतन्‍याहू ने लिकुड ने जिस तरह से चुनावों में परफॉर्म किया है वह बताता है कि मतदाता उन पर कितना भरोसा करते हैं। लोग नारे लगा रहे थे, ‘बीबी, इजरायल का राजा’। इस पर उन्‍होंने कहा, ‘में राजा नहीं हूं। देश को मेरी जरूरत थी और मुझे पता है कि मैं चुना जाऊंगा और इसके लिए आपका शुक्रिया।’ उन्‍होंने कहा कि लिकुड इस समय इजरायल की सबसे बड़ी पार्टी है। नेतन्‍याहू ने गठबंधन पार्टी को भी इसके लिए बधाई दी है। पूर्व पीएम की मानें तो इजरायल के लोगों को सुरक्षा चाहिए और वोटिंग से यह साफ पता चल जाता है। नेतन्‍याहू ने वादा किया है कि वह एक बार फिर से देश का गौरव वापस लायेंगे।

लापिद की आलोचना
नेतन्याहू का मुकाबला मौजूदा प्रधानमंत्री याइर लापिद से है। लापिद की गठबंधन सरकार के अधिकारियों ने कमजोर चुनाव प्रचार के लिए उनकी आलोचना की है। उनका कहना है कि लापिद अपने कार्यकाल में काफी लापरवाह रहे और उन्‍होंने अरब नागरिकों का ध्‍यान नहीं रखा। साथ ही अतिरिक्‍त समझौतों के प्रति भी उनकी बेरूखी नजर आई थी। लापिद को उम्मीद है कि उनकी मध्यमार्गी येश अतिद पार्टी सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। चुनाव लड़ रहे करीब 40 दलों के नेसेट में प्रवेश नहीं पाने का अनुमान है, जिसके लिए 3.25 प्रतिशत मत हासिल करना जरूरी है।