देशभर के स्कूली शिक्षा में सीकर जिले का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, जयपुर और झुंझुनू भी आगे

जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक में राजस्थान ने अति उत्तम श्रेणी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रदेश के 24 जिलों ने इस श्रेणी में स्थान बनाया है।

स्कूली बच्चे

शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सोमवार को जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी) जारी की। जिसमें राजस्थान के सीकर जिले ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके बाद झुंझुनू और जयपुर जिले का भी बेहतरीन प्रदर्शन है।जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी) में राजस्थान के इन तीन जिलों ने 100 के स्केल पर 81-90 स्कोर हासिल करके उत्कर्ष ग्रेड हासिल किया। झुंझुनू ने सीखने के परिणाम की श्रेणी में 290 में से 236 अंक हासिल करके इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।

शिक्षा विभाग ने 2018-19 और 2019-20 के लिए जिला निष्पादन ग्रेडिंग सूचकांक (पीजीआई-डी) जारी किया, जो व्यापक विश्लेषण के लिए एक सूचकांक बनाकर जिला स्तर पर स्कूल शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है। सूचकांक में राजस्थान ने अति उत्तम श्रेणी में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रदेश के 24 जिलों ने इस श्रेणी में स्थान बनाया है। वहीं पंजाब के 14 जिलों ने 100 के स्केल पर 71-80 स्कोर के साथ अति उत्तम ग्रेड प्राप्त किया। इसके बाद गुजरात और केरल का स्थान आता है। दोनों राज्यों के 13-13 जिलों ने अति उत्तम श्रेणी में स्थान बनाया।दूसरी ओर 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में एक भी जिला ने अति उत्तम और उत्तम ग्रेड हासिल नहीं किया। इसमें जम्मू-कश्मीर, बिहार, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा शामिल हैं।

साल 2018-19 में एक भी जिला उत्कर्ष श्रेणी में नहीं था। जबकि अति उत्तम श्रेणी में 49 और उत्तम श्रेणी में 267 जिले शामिल थे। यानी साल 2018-19 में कुल 316 जिलों का ही प्रदर्शन उत्तम था। साल 2019-20 में देश के तीन जिलों का पीजीआई उत्कर्ष श्रेणी में हैं, और वे तीनों जिले राजस्थान के हैं। वहीं अति उत्तम श्रेणी में 86 जिले, उत्तम श्रेणी में 276 जिले शामिल हैं

इस आधार पर हुआ आकलन
जिलों में स्कूली शिक्षा का प्रदर्शन का जो आधार था, वह लर्निंग आटकम, शिक्षकों की उपलब्धता, स्कूल सुरक्षा और बाल संरक्षा, छात्रों से जुड़ी सुविधाएं, प्रशासनिक गतिविधियां, डिजिटल शिक्षा, पैसे के इस्तेमाल आदि श्रेणियों से जुड़े 83 मानक शामिल किए गए थे।