मिड कैप और स्माल कैप पर दांव लगाने से होगी बल्ले-बल्ले, एक्सपर्ट देविना मेहरा क्यों दे रही हैं यह सलाह?

देविना मेहरा ने कहा है कि nifty50 और निफ्टी 500 में बहुत बड़ा अंतर है. इस समय हम शेयरों की री रेटिंग का इंतजार कर रहे हैं. पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. स्माल कैप शेयरों में होने वाला कोई भी बदलाव स्मॉलकैप में निवेश को नुकसान पहुंचा सकता है

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मौजूदा स्थिति में शेयर बाजार से कमाई करने के लिए स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर ही बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं.

नई दिल्ली: शेयर बाजार में निवेश कर कमाई करना कौन नहीं चाहता. अगर आप भी शेयरों में निवेश से कमाई करना चाहते हैं तो फर्स्ट ग्लोबल की चेयर पर्सन और एमडी देविना मेहरा का कहना है कि आप मार्केट में लार्ज कैप की जगह मिडकैप और स्मॉलकैप पर दांव लगाएंगे तो आपको शेयर बाजार से शानदार कमाई करने में मदद मिल सकती है. देविना मेहरा ने कहा है कि nifty50 और निफ्टी 500 में बहुत बड़ा अंतर है. इस समय हम शेयरों की री रेटिंग का इंतजार कर रहे हैं. पोर्टफोलियो मैनेजर के रूप में स्मॉल कैप शेयरों में निवेश करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. स्माल कैप शेयरों में होने वाला कोई भी बदलाव स्मॉलकैप में निवेश को नुकसान पहुंचा सकता है लेकिन मौजूदा स्थिति में शेयर बाजार से कमाई करने के लिए स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर ही बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं.

मेहरा ने कहा इस समय ग्लोबल और भारतीय शेयर बाजार में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. पिछले साल के आखिर से ही यह अंतर और गहरा गया है. भारत का शेयर बाजार इस साल दुनिया भर में आउटपरफॉर्म कर सकता है. साल 2021 में भी भारत के शेयर बाजार ने दुनिया भर के शेयर बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है.

भारत में शेयर बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव जारी रहने की आशंका है लेकिन इस समय शेयर बाजार में बड़ी कमजोरी की संभावना नहीं है. देविना मेहरा ने कहा है कि इस साल जून में शेयर बाजार की जो स्थिति थी, वह अभी नहीं होने वाली है.

देविना मेहरा ने कहा है कि निफ्टी ने 15293 अंक से 18000 तक का सफर सिर्फ दो-तीन महीने में तय किया है. देविना मेहरा ने कहा है कि ग्लोबल लेवल पर जो घटनाक्रम होते हैं उसका असर भारत के शेयर बाजार के साथ भारत की कंपनियों पर भी पड़ता है. भारत में कामकाज कर रही कंपनियां भी निर्यात आयात पर निर्भर है और कमोडिटी के भाव बदलने से उनकी आपूर्ति पर असर पड़ता है जिससे उसके नतीजे प्रभावित होते हैं और उसका असर शेयरों पर देखा जा सकता है.

इसके साथ ही मांग-आपूर्ति में दुनिया भर में होने वाले बदलाव का असर हमारे देश की कंपनियों पर पड़ता है. अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों पर इसका असर अलग-अलग देखा जा सकता है. देविना ने कहा है कि शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति के हिसाब से मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर लार्ज कैप की तुलना में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.