हिमाचल दस्तक
गैंगरीन का नाम आपने सूना होगा। ये एक ऐसी बीमारी है, जिसके होते ही व्यक्ति के शरीर के कुछ भाग गलने सडऩे लगते है। गैंगरीन एक खास तरह की बीमारी है, जिसमें शरीर के कुछ खास हिस्सों में टिश्यूज यानी ऊतक नष्ट होने लगते हैं। इस कारण वहां घाव बन जाता है, जो लगातार फैलता जाता है।
यदि वक्त रहते इस समस्या का इलाज ना किया जाए स्थिति बहुत अधिक भयावह हो सकती है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि डायबीटीज के अधिकतर रोगियों को अपनी डायट का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ज्यादातर केसेज में गैंगरीन की मुख्य वजह शुगर की बीमारी के रूप में ही सामने आती है…
क्या है शुगर और गैंगरीन का संबंध
-हमारे शरीर में यदि खून का प्रवाह किसी भी कारण से बाधित होता है या कम होता है तो शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। क्योंकि खून के साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी होता है, जो हमें जीवित रखने के लिए अति आवश्यक है।
लेकिन जब शरीर में डायबिटीज के कारण शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है तो धमनियों में प्रवाहित होने वाले रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इससे रक्त का प्रवाह भी प्रभावित होता है और टिश्यूज इसका पूरा लाभ भी नहीं ले पाते हैं। इस स्थिति में धीरे-धीरे करके ये टिश्यू डेड होने लगते हैं, जो बाद में गैंगरीन का रूप ले लेते हैं।
गैंगरीन के प्रकार
गैंगरीन मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है। इनमें सूखा गैंग्रीन, नम गैंग्रीन और गैस गैंग्रीन शामिल हैं। ड्राई गैंगरीन शरीर के बाहरी हिस्सों में विकसित होता है। जबकि नम गैंगरीन शरीर के उन हिस्सों में विकसित होता है, जहां के टिश्यूज नम होते हैं। जैसे हमारे मुंह में या फेफड़ों में। इसके साथ ही गैस गैंग्रीन वह होता है, जिसमें त्वचा के टिश्यूज में बैक्टीरिया पनप जाते हैं, जो दूषित गैस का उत्सर्जन करते हैं, जिससे आस-पास की त्वचा में तेजी से संक्रमण फैलता है।
डायबिटीज मरीज हो जाए सावधान
डायबिटीज केवल शरीर के किसी एक हिस्से पर अपना असर नहीं दिखाती बल्कि यह ब्लड के फ्लो को भी प्रभावित करती है। ब्लड फ्लो कम होने के कारण शरीर में लगी किसी चोट या घाव को भरने में बहुत वक्त लगता है। हाथ और पैर में ब्लड का कम फ्लो होना पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज कहलाती है। जो लोग इस परेशानी से जूझ रहे होते हैं उनमें अल्सर और गैंगरीन जैसी समस्या होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।