पंजाब में आज के दिन इतिहास में दर्ज होने जा रहा है. महज कुछ सालों पहले गठित हुई आम आदमी पार्टी 100 साल से भी अधिक पुरानी कांग्रेस पार्टी को सत्ता की कुर्सी से उतारने जा रही है. ऐसे में ये लगभग तय हो चुका है कि किसी जमाने में स्टेज पर कॉमेडी शो करने वाले भगवंत मान ही पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे.
भगवंत मान के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. बात चाहे उनकी कॉमेडी की हो या फिर उनके द्वारा दिए गए बयानों की, भगवंत मान हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि सबको हंसाने वाले भगवंत मान ने कैसे रखा राजनीति में कदम और कैसे पहुंचे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक:
हमेशा से कुछ अलग करना चाहते थे
17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में जन्मे भगवंत मान ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है. इसके बाद 1992 में उन्होंने शहीद उधम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम में दाखिला तो लिया मगर पढ़ाई पूरी नहीं कर सके. भगवंत मान ने कभी भी नौकरी या बिजनेस में आगे बढ़ने का प्रयास नहीं किया क्योंकि उन्हें कुछ अलग करना था.
कॉमेडियन के रूप में शुरू किया करियर
उनकी कुछ अलग करने की सोच ही उन्हें अभिनय और कॉमेडी की तरफ खींच लाई. बता दें कि भगवंत मान को जुग्नू नाम से भी पुकारा जाता है. छोटे मोटे स्टेज शो से शुरू करते हुए मान पहले पंजाब के प्रसिद्ध कॉमेडियन बने और फिर इसके बाद इन्होंने मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के साथ द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज नाम के टीवी शो में अपना हुनर दिखाया.
साल 2011 में रखा राजनीति में कदम
कॉमेडी तथा अभिनय में अच्छा खासा नाम कमाने के बाद मान ने 2011 में राजनीति में कदम रखा. लेकिन उन्हें राजनीति में असल पहचान तब मिली जब वह 2014 में आम आदमी पार्टी के साथ आए. इसके बाद इन्होंने 2014 और 2019 में आम आदमी पार्टी के लिए दो बार लोकसभा चुनाव जीते. ऐसे में वह संगरूर से दो बार सांसद चुने जा चुके हैं.
बता दें कि मान ने अपने राजनीति सफर की शुरुआत मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी पंजाब पीपल्स पार्टी के साथ जुड़ कर की. उन्होंने पंजाब की इस स्थानीय पार्टी से जुड़ते हुए 2012 में लहरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन कामयाब न हो सके. इसके बाद खुद मनप्रीत कांग्रेस में शामिल हो गए तथा भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.
2014 में थामा ‘आप’ का दामन
2014 के लोकसभा चुनाव में जब भगवंत मान ने ‘आप’ पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा और इसे 2 लाख वोटों से जीता तब दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को इनमें एक उम्मीद दिखी. यही वजह थी कि उन्होंने एक टीवी शो में था कहा कि अगर भगवंत मान से बेहतर कोई कट्टर ईमानदार चेहरा पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए है तो बताओ? जब पंजाब में सभी बड़े नेता रेता चोरी करते हैं तब 7 साल से सांसद भगवंत मान पर एक भी आरोप नहीं है. वे किराए के घर में रहते हैं.
पंजाब के लोगों के लिए छोड़ा परिवार
भगवंत मान के मुताबिक उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए अपने परिवार तक का त्याग कर दिया. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू बताया था कि एक कॉमेडियन रहते हुए उन्होंने अपने परिवार के साथ बहुत समय बिताया लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव लड़कर जीतने के बाद वह पत्नी और बच्चों से दूर हो गए. जनता के बीच ज्यादा वक्त गुजारने की वजह से वह परिवार को समय नहीं दे पाते थे.
इसी वजह से 2015 में उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं. भगवंत मान के दो बच्चे हैं जो अमेरिका में रह रही उनकी पूर्व पत्नी के साथ रहते हैं. मान का कहना है कि ‘अब पंजाब के लोग ही उनका परिवार हैं.’