भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राजस्थान के नेताओं का कहना है कि उनके सेहत में सुधार हुआ है। इसके साथ ही पांच से 13 किलोग्राम तक उनका वजन घटा है।
दक्षिण से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा अब उत्तर के मध्य प्रदेश में है। 86 दिन की यात्रा पूरी कर चुके राहुल गांधी अब 4 दिसंबर को राजस्थान में एंट्री करेंगे। लेकिन, उससे पहले मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे कार्यकर्ताओं की सेहत पर भी असर पड़ा है। बताया जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल करीब 150 कार्यकर्ताओं पर सर्वे किया गया है, जिसमें ये सामने आया है कि उनका वजन 7-13 किलोग्राम तक वजन कम हुआ है।भारत जोड़ो यात्रा पूरे बंदोबस्त के साथ चल रही है। इस यात्रा के साथ एक मेडिकल टीम भी चल रही है, जो यात्रा में शामिल कार्यकर्तओं को मेडिकल मुहैया कराती है। इसके साथ सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब तक केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र होते हुए मध्म प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। इसके साथ ही ये यात्रा अपना 2250 किलोमीटर का सफर भी पूरा कर चुकी है।
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राजस्थान यूथ बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने बताया कि मैं पहले 78 किलोग्राम का था लेकिन अब 70 किलोग्राम का हो गया है। ऐसी लाइफ स्टाइल कभी नहीं रही। सुबह चार बजे ही उठ जाते हैं और रोज औसतन 25 किमी चलते हैं। लंच-ब्रेकफास्ट अच्छे से करते हैं। वहीं हल्का डिनर लेते हैं। इससे सेहत भी काफी अच्छी हो गई है।
वहीं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कोटा के विवेक भटनागर बताते हैं कि सभी का 5-13 किलोग्राम वजन घटा है। मेरा वजन 83 से 74 किलोग्राम पर आ गया है। तली और मसाले वाली चीजें नहीं खाते। 20-25 दिन तो सभी को दिक्कत आई। इतना चलने की आदत नहीं थी लेकिन अब सब नॉर्मल हो गया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस शासित राजस्थान में पहुंचने से पहले तैयारियां जोरों पर है। इसके लिए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। ये पहली बार होगा कि जब सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी बूट में नहीं बल्कि स्पोर्ट्स शूज में होंगे। इसके पीछे की वजह पुलिस बूट में पैदल चलना कठिन बताया जा रहा है। राजस्थान में 600 जवान होंगे तैनात
राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के लिए सुरक्षा में करीब 600 पुलिस के जवान और अफसर तैनात किए जाएंगे, जो स्पोर्ट्स शूज में नजर आएंगे। इसके लिए राजस्थान के कुछ अफसरों ने मध्य प्रदेश में जाकर यात्रा की तैयारियों को करीब से देखा और इसके बाद निर्णय लिया गया।