Bharat Jodo Yatra: कोई अपना बिजनेस छोड़कर, तो कोई नौकरी छोड़कर आया राहुल गांधी की यात्रा में

Bharat Jodo Yatra: दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पर तीन हजार किलोमीटर से चलकर आए लोगों ने अमर उजाला डॉट कॉम से बताई अपनी कहानी। बताया क्यों जुड़ रहे हैं राहुल गांधी की इस यात्रा से…

bharat Jodo Yatra- Rahul Gandhi

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में तीन हजार किलोमीटर का सफर तय करके आने वालों में तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के लोग शामिल हैं। इन प्रांतों से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में जुड़े कुछ लोग तो आज ही वापस अपने गृह राज्य चले जाएंगे। जबकि कुछ लोग दिल्ली में रहकर क्रिसमस और नए साल की तैयारियां करेंगे। उसके बाद तीन जनवरी से शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा की अगली कड़ी में जुड़कर कश्मीर में झंडारोहण करेंगे। इस यात्रा में उनके साथ सफर करने वालों में कोई अपना कारोबार छोड़ कर आ गया है, तो कोई अपनी नौकरी छोड़ कर शामिल हुआ है।

कन्याकुमारी से साथ हैं परमेश्वरम

दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पर अमर उजाला डॉट कॉम से मिले इन यात्रियों ने बताया कि वे लोग राहुल गांधी के साथ यात्रा की शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं। कन्याकुमारी से आए के एन परमेश्वरम कहते हैं कि उनके साथ सौ लोगों का पूरा हुजूम है। अपने साथ दस गाड़ियां लेकर चलने वाले परमेश्वरम कहते हैं कि वह राहुल गांधी की इस यात्रा में कश्मीर तक साथ देने वाले हैं। परमेश्वरम के साथ मौजूद दिनाकरण वल्ली कहते हैं कि राहुल गांधी एक ऐसे नेता हैं, जिनके लिए वह अपने बिजनेस को भी छोड़कर यात्रा में शामिल होने आए हैं। दिनाकरण कहते हैं कि राहुल गांधी के परिवार ने जो कुर्बानियां देश के लिए दी हैं, उसे देखते हुए साढ़े तीन हजार किलोमीटर क्या वे पूरी दुनिया का पैदल भ्रमण कर सकते हैं।

यात्रा में शिरकत कर रहे हैं तमिलनाडु के पी चेट्टियार कहते हैं यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी के साथ इतनी लंबी यात्रा कर रहे हैं। वह कहते हैं राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्रों में उन्होंने दक्षिण भारत में जमकर प्रचार किया था। उनका कहना है कि राहुल गांधी की यात्रा पूरे देश को बदल रही है। उनका कहना है राहुल गांधी की यात्रा को जो लोग देख रहे हैं, उन्हें पता है कि किस तरीके से देश को जोड़ने के लिए राहुल गांधी साढ़े तीन हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा करने निकले हैं।

राहुल गांधी की इस यात्रा में कोच्चि से आए बीजू कहते हैं कि उनकी एक कंपनी में नई नौकरी लगी थी। लेकिन राहुल गांधी से इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ कर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना बेहतर समझा। वह कहते हैं कि उनके पास नौकरी के लिए बहुत वक्त है। 23 साल के बीजू का कहना है अगर राहुल गांधी की इस यात्रा से देश में जरा भी बदलाव आएगा, तो उन्हें लगेगा कि यह यात्रा सफल हो गई।

कारोबार छोड़ कर यात्रा में साथ हैं बालाचंद्रन

कर्नाटक के व्यापारी और मूलतः केरल के रहने वाले एस बालाचंद्रन कहते हैं कि दक्षिण भारत में कारपेट का बड़ा काम है। वह राहुल गांधी की यात्रा में सात सितंबर से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वह राहुल गांधी की यात्रा में शामिल लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि देश में राहुल गांधी ही एक ऐसे नेता हैं, जो इतने किलोमीटर की यात्रा पैदल करने निकले हैं। बालाचंद्रन के साथ शामिल राहुल गांधी की इस यात्रा में अरुण जोसेफ कहते हैं कि वह शनिवार को नौ दिन के लिए रुकने वाली यात्रा के दौरान दिल्ली में ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि जैसे ही तीन जनवरी को यात्रा शुरू होगी, वह एक बार फिर से राहुल गांधी के साथ पैदल कश्मीर तक जाएंगे।

चूंकि यात्रा शनिवार से 9 दिन के लिए विराम पर है, इसलिए यात्रा में शामिल दूरदराज के राज्यों के लोग वापस अपने घर जाएंगे। महाराष्ट्र के समीर कहते हैं कि वह मलाड कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष हैं। उनकी पूरी टीम यहां पर मौजूद है। समीर कहते हैं कि शनिवार की रात को मुंबई वापस चले जाएंगे। उसके बाद तीन तारीख को अपनी टीम के साथ एक बार फिर वापस दिल्ली आएंगे, और यहां से शुरू होने वाली यात्रा को फिर से कश्मीर तक लेकर जाएंगे।