पटना के फुलवारी शरीफ में आंतकी मकसद खातिर औफिस खोल गइल. जिला भर के 15 हजार लोग के हथियार चलावे के ट्रेनिंग दिहल गइल. लेकिन ई नापाक हरकत के पता ना चलल. ट्रेनिंग देवे वला संगठन के खाता में 90 लाख रोपेया के ट्रांजेक्शन भी हो गइल. गजवा-ए-हिंद व्हाट्सएप ग्रुप 2023 से जेहाद के धमकी देले रहे. ऊ तs संजोग कहs कि समय रहते आतंकी मनसूबा के पोल खुल गइल नाहीं तs बिहार ही ना, पूरा देश में तबाही मच जाइत. अगर 2013 में यासीन भटकल के गिरफ्तारी के समय कड़ाई से जांच भइल रहित तs आज ई नौबत ना आइत. किशन लाल पूछले, यासीन भटल के समय का भइल रहे ? भटकल के कइसे गिरफ्तारी भइल रहे ? ओह घरी काहे ना बिहार पुलिस एकर ठोस जांच कइले रहे ?
सवाल बहुत बा लेकिन…
किशनलाल के सवाल पs सुमन जी कहले, 2013 में बिहार के एगो बरिष्ठ नेता आरोप लगवले रहन कि आतंकी गतिविधि के खिलाफ कार्रवाई करे में बिहार पुलिस के रवैया बहुत नरम रहे. ऊ आरोप लगवले रहन कि बोधगया के महाबोधि मंदिर में बम ब्लास्ट भइला के बादो बिहार पुलिस यासीन भटकल के रिमांड पर काहे ना ले ले रहे ?
बिहार पुलिस यासीन भटकल से काहे ना पूछताछ कइले रहे ? किशनलाल पूछले, यासीन भटकल के कइसे गिरफ्तारी भइल रहे ? सुमन जी जबाब देले, यासीन भटकल आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर मेम्बर रहे.
भटकल, कर्नाटक के एगो समुद्र तटीय शहर हs जो बंगलोर से करीब 512 किलोमीटर दूर बा. यासीन भटकल के मूल नांव अहमद सिद्दीबप्पा रहे. बाद में ओकर नांव यासीन हो गइल. भटकल शहर के रहे वला रहे, एह से नांव में भटकल भी जुड़ गइल. दिल्ली, बोम्बे, जयपुर बमब्लास्ट के बाद सितम्बर 2008 में बाटला हाउस घटना में कुछ आंतकी गिरफ्तार भइल रहन स.
एकनी से पूछताछ अउर मोबाइल सिमकार्ड ट्रैकिंग से यासीन भटकल के शामिल होके के जानकारी मिलल. यासीन भटकल पाकिस्तान जा के बम बनावे के ट्रेनिंग लेले रहे. भारत में बम धमाका के उहे साजिश रचत रहे.
यासीन भटकल के बिहार कनेक्शन
किशनलाल के सवाल पs सुमन जी भटकल के बारे में बतावे लगले. यासीन भटकल कुछ समय तक दिल्ली के शाहीन बाग में रहे. ऊ भेस बदले में माहिर रहे. हालांकि ऊ हाई स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़ देले रहे लेकिन दिमाग के बहुत तेज रहे. कन्नड़, अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, फारसी भासा धड़ल्ले से बोलत रहे.
शाहीन बाग में यासीन भटकल आपन नांव इमरान राखले रहे. शाहीन बाग में ही बिहार के ताजपुर (समस्तीपुर) के रहे वला इरशाद खान के परिवार रहत रहे. इरशाद खान दिल्ली में लेथ मशीन के बिजनेस रहे. 2008 में इरशाद खान के इमरान (यासीन भटकल) से जान पहचान भइल. ओह घरी यासीन भटकल के उमिर 26-27 साल रहे. ऊ आम लोग से बहुत बिनम्र भाव से मिलत रहे. दूनो जना के जान-पहचान नजदीकी में बदल गइल.
घरे आन-जान भी होखे लागल. इरशाद खान के एगो बेटी रहे जाहिदा. इमरान आपन परिचय मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में देले रहे. तब इरशाद खान आपन बेटी के बियाह इमरान से करे के फैसला कर लेले. 2011 में दिल्ली में बियाह हो गइल. लेकिन बियाह के आठ महीना बाद ही ससुर-दामाद के पोल खुल गइल. नवम्बर 2013 में दिल्ली पुलिस चेन्नई से इरशाद खान केगिरफ्तार कइले रहे.
ओहिजा यासीन भटकल भी रहे लेकिन भागे में सफल हो गइल रहे. तब भंडा फूटल कि इरशाद के लेथ मशीन में यासीन भटकल गैरकानूनी हथियार बनवावत रहे. इरशाद के बेटी से बियाह कइला के बाद यासीन भटकल के कई बिहारी लइकन से जान पहचान हो गइल. भटकल में इंजीनियरिंग कौलेज भी रहे.
इहां दरभंगा-मधुबनी-समस्तीपुर इलाका के बहुत लइका पढ़े आवत रहन. एह वजह से भी यासीन के कई बिहारी लइकन से नजदीकी रहे.