जेपी दुइए गो शब्द उचरले- संपूर्ण क्रांति. संपूरन करांती के चार गो मकसद जेपी समझवले. पहिलका ई कि राजनीतिक क्रांति होखे के चाहीं, दूसरका- सामाजिक क्रांति, तीसरा सांस्कृतिक क्रांति आ चौथा- वैचारिक क्रांति संपूर्ण क्रांति में शामिल रही. अइसने करांती के बतकही राम मनोहर लोहिया भी कइले रहले. उनकरा करांती के नांव रहे- सप्त क्रांति. वोही तर्ज पर जेपी संपूर्ण क्रांति के नारा दिहले.
फेर शुरू हो गइल विपक्ष के गोलबंदी
जेपी के संपूर्ण क्रांति के नारा के बाद विरोधी पाटी के गोलबंदी शुरू हो गइल. जेपी ना रहिते त अबे के भाजपा आ तब के जनसंघ का संगे समाजवादी पाटी के लोग त नाहिंए जउरियाइत. गुजरात से शुरू भइल लइकन के आंदोलन के आग बिहार घूमत सगरी देस में पसर गइल. जनता महंगाई आ भरस्टाचार से त तबाह पहिलहीं से रहे. उहो सरकार के खिलाफ हो गइल. एही बीचे इंदिरा गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोट के फैसला आ गइल. समाजवादी नेता राजनारायन इंदिरा गांधी के चुनाव के हाईकोट में चाइलेंज कइले रहले. इंदिरा जी के लोकसभा के मेंबरी चलि गइल. उनका एतना खींस बरल कि 25 जून 1975 के अधिरात में देस में इमरजेंसी लगा दिहली. विरोधी पाटी के तमाम बड़का नेता धरा के जेल में ठुंसाए लागल लोग. जेपी त पहिलके दिने जेल में डाल दिहल गइले. ई कुल्हि देख के पहिले से खिसिंआइल पाबलिक अइसन बिरनाइल कि सन सतहत्तर के आम चुनाव में इंदिरा गांधी के त हराइए दिहल, कांगरेस के भी साफ क दिहल.
राउर, मलिकाइन
(ओमप्रकाश अश्क स्वतंत्र पत्रकार हैं. आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)