कांवड़ यात्रा में दिखने लगे भोले के दीवाने, कोई 121 तो कोई 101 किलो गंगा जल लेकर दौड़ रहा

मुजफ्फरनगर: 14 जुलाई से भले ही सावन की शुरुआत हो रही है, मगर देश में कावड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. सावन के पावन महीने में भगवान भोले का जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल भरकर अपने-अपने गंतव्य की और जाने लगे हैं. कोई 121 तो कोई 101 किलो गंगा जल की कांवड़ लेकर यूपी की सड़कों पर अपने गंतव्य की ओर दौड़ रहा है. इसी कड़ी में बुलंदशहर निवासी शिव भक्त शोभित त्यागी मंगलवार को हरिद्वार से 121 किलो गंगा जलभर कर पैदल अपने साथियों संग उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर पहुंचे, जिन्हें रास्ते में देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती थी.

शोभित त्यागी का कहना है कि यह उनकी तीसरी कांवड़ यात्रा है. इन्होंने 27 जून को हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल उठाया था और रोजाना 7 से 8 किलोमीटर पैदल चलते हैं और इस तरह वह लगातार चलते-चलते 26 जुलाई को शोभित बुलंदशहर स्थित अपने शिवालय पर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. शोभित का कहना है कि उन्होंने हिंदुत्व को एक करने और सनातन धर्म को जोड़ने के लिए कांवड़ उठाई है.

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शोभित कहते हैं कि उन्होंने हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी से 121 जलभरा है और आज 15 दिन हो गए यात्रा को. वह रोजाना 7 से 8 किलोमीटर चलते हैं. हमारे समूह में 4 सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि यह मेरी तीसरी कांवड़ यात्रा है. दो साल कोरोना में कावड़ बंद रहने पर हमारी आस्था को बहुत ठेस पहुंची है और उसका बहुत दुःख है. हरिद्वार में मेला शुरू हो चूका है और इस बार अच्छी भीड़ है. गंगा जल 26 जुलाई को चढ़ेगा.इस कांवड़ यात्रा में एक और भोले भक्त हैं, जो केली के रहने वाले हैं और एमबीए के छात्र हैं. केशव त्यागी भी हरिद्वार से 101 किलो गंगा जल भरकर पैदल कावड़ लेकर अपने समूह के साथ मुज़फ्फरनगर पहुंचे थे, जहां उन्होंने बताया कि नौकरी की चाहत में उन्होंने यह कांवड़ उठाई है. वह निरंतर पैदल चलते हुए 26 जुलाई को केली स्थित अपने शिवालय पर भोले का जलाभिषेक करेंगे. 101 किलो की कांवड़ उठाये केशव त्यागी ने बताया कि उनके समूह के एक सदस्य विकास जाट ने 75 किलो और अमन त्यागी ने 51 किलो गंगा जल की कांवड़ उठाई है.