नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अब तक के सभी पुराने रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 156 सीटों पर विजेता घोषित होकर न केवल ऐतिहासिक जीत दर्ज की, बल्कि बड़े अंतर से अच्छी-खासी संख्या में सीट हासिल कर कुछ और रिकॉर्ड भी तोड़े. गुजरात में भाजपा की यह लगातार सातवीं जीत है, जो अपने आप में बड़ा रिकॉर्ड है. इससे पहले यह कारनामा केवल सीपीआई ने पश्चिम बंगाल में किया है. इतना ही नहीं, कांग्रेस के 1985 में जीते गए 149 सीटों का रिकॉर्ड भी टूट गया है. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने करीब दो लाख वोटों से जीत हासिल की.
अगर गुजरात चुनाव के नतीजों के आंकड़ों पर गौर करें तो गुजरात की घाटलोडिया सीट पर जीत का अंतर दो लाख के करीब रहा. घाटलोडिया से लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए जीतने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1.92 लाख से अधिक मतों से हराया. आंकड़े के मुताबिक, जीत का सबसे बड़ा अंतर घाटलोडिया सीट पर ही दिखा, जहां मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल ने घाटलोडिया से अपने निकटतम उम्मीदवार डॉ. अमी याज्ञनिक (कांग्रेस) को 1,92,263 मतों (74.69 फीसदी वोट) के अंतर से हराया.
गुजरात चुनाव रिजल्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 11 सीटें ऐसी थीं, जहां जीत का अंतर 1 लाख से अधिक था और इन सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई. गुजरात चुनाव में जीती गई 156 सीटों में से 102 (65 फीसदी) में बीजेपी का वोटशेयर 50% से ज्यादा रहा. वहीं, 182 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार उतारे थे, मगर एक भी जगह उसकी जमानत जब्त नहीं हुई. साथ ही, घाटलोडिया, ऐलिसब्रिज और मजूरा, इन तीन सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई और यहां जीतने वाले भाजपा विधायकों का वोट शेयर 80 फीसदी से अधिक रहा.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत से जीतने वाले उम्मीदवार बन गए हैं. भूपेंद्रभाई रजनीकांत पटेल को 82.95 फीसदी वोट मिले. सबसे अधिक मार्जिन से जीतने का भी रिकॉर्ड इन्हीं के नाम रहा. वहीं, सबसे कम मार्जिन से जीतने का रिकॉर्ड भी भाजपा के खाते में ही गया है. रापर सीट से भाजपा के वीरेंद्र सिंह बहादुर सिंह जडेदा ने कांग्रेस के भचुभआई धर्मशी आरेठिया से महज 577 वोट (0.4) के अंतर से जीतने में सफल रहे. वहीं, दो सीट ऐसे थे, जहां एक हजार से कम वोट से जीत-हार तय हुआ.
गुजरात विधानसभा चुनाव में ‘नोटा’ के तहत पड़े वोट की हिस्सेदारी 2017 की तुलना में नौ प्रतिशत से अधिक घट गई. इस बार खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे अधिक 7,331 नोटा वोट पड़े हैं. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस चुनाव में 5,01,202 या 1.5 प्रतिशत वोट नोटा के थे, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में 5,51,594 से कम हैं. खेड़ब्रह्मा सीट पर सबसे ज्यादा 7,331 नोटा वोट पड़े, उसके बाद दांता में 5,213 और छोटा उदयपुर में 5,093 वोट पड़े.