गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आ चुका है। गुजरात में कांग्रेस की बड़ी हार हुई है। वहीं हिमाचल में अब कांग्रेस की सरकार होगी। इन दोनों राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी कांग्रेस ने अपने भरोसेमंद सीएम भूपेश बघेल और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपी। लेकिन गहलोत की रणनीति में कांग्रेस पार्टी गुजरात में कोई जादू नहीं कर सकी।
रायपुर: छत्तीसगढ़ की कांकेर जिले की भानुप्रतापपुरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजा कांग्रेस के पक्ष में आया है। वहीं हिमाचल में भी कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। इस जीत के पीछे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सियासी रणनीति मानी जा रही है, जो भानुप्रतापपुरा और हिमाचल में काम कर गई। दोनों राज्य में बीजेपी के सारे दावे फेल हो गए। माना जा रहा है कि भानुप्रतापपुरा और हिमाचल की जीत से कांग्रेस में सीएम भूपेश बघेल का कद और बढ़ गया है। दरअसल कांग्रेस पार्टी हाई कमान ने भूपेश बघेल पर विश्वास जताते हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राज्य का पर्यवेक्षक बनाया गया था। हिमाचल की जिम्मेदारी मिलते ही भूपेश बघेल एक्टिव हो गए थे।
कांग्रेस का घोषणा पत्र और बघेल की पॉलिसी
कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र हिमाचल के लिए बनाया था, वो भूपेश बघेल की जनहितकारी योजना को ध्यान में रखकर बनाया गया था। कांग्रेस ने युवाओं को 5 लाख नौकरी के साथ महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये और पहली कैबिनेट बैठक में 1 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया, वो हिमाचल में काम कर गया। अब देखा जाए तो भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत और सचिन पायलट से बहुत आगे हो गए हैं। भूपेश बघेल के लिए बूस्टर का काम हिमाचल से आए नतीजों ने किया है। दरअसल दो राज्य गुजरात और हिमाचल में विधानसभा का चुनाव था। दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार। कांग्रेस के सामने दोनों राज्यों में सत्ता में वापसी की चाहत। इस चाहत के चलते कांग्रेस ने अपने दो राज्यों छत्तीसगढ़ और राजस्थान के ‘धुरंधर’ सीएम पर दांव लगाया।
बघेल को दी थी हिमाचल की जिम्मेदारी
कांग्रेस ने ‘सियासत के जादूगर’ कहे जाने वाले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को गुजरात का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया। वहीं हिमाचल की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को दी। दोनों सीएम की खासियत पर कांग्रेस पार्टी को भरोसा था कि वो बीजेपी की काट ढूंढ कर चुनाव के नतीजे ‘हाथ’ में डाल देंगे। दरअसल दोनों राज्यों छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी को हटाकर कांग्रेस सत्ता में आई थी। ऐसे में पार्टी ने भरोसा करते हुए गहलोत और बघेल को क्रमश गुजरात और हिमाचल की जिम्मेदारी दी।
गुजरात में नहीं चला गहलोत का जादू
अब दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं। गुजरात में अशोक गहलोत की रणनीति काम नहीं आई और कांग्रेस को बीजेपी से बुरी तरह हार मिली। गुजरात चुनाव में रघु शर्मा प्रदेश प्रभारी बनाए गए थे, जबकि गहलोत सीनियर ऑब्जर्वर की भूमिका में थे। गुजरात चुनाव में 182 सीटों में से कांग्रेस के खाते में केवल 17 सीटें आईं। जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस को यहां 16 सीटों की बढ़त भी मिली थी। लेकिन इस बार के नतीजे कांग्रेस के लिए बहुत की निराशाजनक हैं।
हिमाचल में कांग्रेस की जीत से स्टार बन गए सीएम बघेल
वहीं दूसरी ओर हिमाचल में सीएम भूपेश बघेल की रणनीति काम कर गई। हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से कांग्रेस ने 40 सीटों पर शानदार जीत करते हुए सत्ता में वापसी तय कर दी। यहां बीजेपी को केवल 25 सीटें मिली। जबकि कांग्रेस का विकल्प बनने का ख्वाब देख रही आम आदमी पार्टी का खाता भी नहीं खुला। वहीं जीत के बीच हॉर्स ट्रेडिंग के डर से सीएम बघेल ने हिमाचल में डेरा भी डाल दिया।