उद्धव सरकार को बड़ा झटकाः राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे नवाब मलिक और अनिल देशमुख

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. जेल में बंद उसके मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को मुंबई के सेशन कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए जमानत मांगी थी. इस तरह  राज्यसभा चुनाव में नवाब मलिक और अनिल देशमुख वोट नही डाल सकेंगे. मुम्बई के सेशन कोर्ट ने दोनों की अर्जी को खारिज कर दिया है.

अनिल देशमुख और नवाब मलिक. ( फाइल फोटो)

वोट डालने के लिए बेल मांगा था
नवाब मलिक और अनिल देशमुख कल होने वाले राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की अनुमति देने को लेकर कोर्ट में अर्जी दी थी. महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक फरवरी से जेल में बंद हैं. उनपर प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगया है. इसी तरह राज्य के पूर्व गृह मंत्री भी जेल में बंद हैं. उनपर भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. दोनों ने शुक्रवार को होने वाले राज्य सभा चुनाव में मतदान करने के लिए बेल की मांग की थी.

मलिक ने दी थी ये दलील
नवाब मलिक ने कोर्ट को बताया कि वह एक निर्वाचित विधायक हैं और राज्यसभा के लिए प्रतिनिधि चुनने में अपने निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कर्तव्य से बंधे हुए हैं, ऐसे में उन्हें वोट डालने की इजाजत दे दी जाए. महाराष्ट्र में कल राज्यसभा की 6 सीटों के चुनाव होना है. लगभग दो दशक के बाद राज्यसभा के लिए राज्य में चुनाव हो रहा है. आमतौर पर पिछले दो दशक से यहां निर्विरोध प्रत्याशी चुन लिए जाते हैं लेकिन इस बार सीट से अधिक उम्मीदवार के खड़े हो जाने के कारण चुनाव कराना पड़ रहा है.

शिवसेना ने यहां से अपने दो उम्मीदवार उतारे हैं-संजय राउत और संजय पवार. जबकि बीजेपी ने तीन उम्मीदवारों को खड़ा किया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंदे और धनंजय महादिक. इसके अलावा एनसीपी ने प्रभुल पटेल और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है.

किस पार्टी की क्या स्थिति
महाराष्ट्र में 6 सीटों के लिए चुनाव होना है. एक सीट के लिए 42 वोटों की जरूरत है. सत्ताधारी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन के पास 151 वोट है. इस लिहाज से वह तीन सीट आसानी से जीत सकता है लेकिन चौथी सीट पर उम्मीदवार को जीताने के लिए उसे 15 और वोटों की जरूरत पड़ेगी. छोटे दलों का भरोसा पाकर शिवसेना ने चौथे उम्मीदवार को भी उतार दिया है. दूसरी ओर बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. दो सीटों पर वह आसानी से जीत सकता है लेकिन तीसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए उसे 22 अतिरिक्त वोट की जरूरत पड़ेगी लेकिन उसने भी इसी छोटे दलों के सहारे अपने तीसरे उम्मीदवार को उतार दिया है. कांग्रेस में इमरान प्रतापगढ़ी को वहां से खड़ा करने पर विरोध हो रहा है. ऐसे में बीजेपी को यह भी लगता है कि कहीं कांग्रेस से क्रॉस वोटिंग न हो जाए.