दक्षिण अफ़्रीका में जीवाश्म विज्ञानियों (Paleontologists) ने बड़ी खोज की है. शोधार्थियों का दावा है कि उन्हें दुनिया का सबसे पुराना कब्रिस्तान (World Largest Burial Site Found in South Africa) मिला है. बीते सोमवार को शोधार्थियों ने कहा कि उन्हें इंसानों के दूर के रिश्तेदार के अवशेष भी मिले हैं.
अफ़्रीका में मिला दुनिया का सबसे पुराना कब्रिस्तान
मशहूर पैलियोन्थ्रोपॉलोजिस्ट ली बर्जर (Paleoanthropologist Lee Burger) के नेतृत्व में ये खोज हुई. ली बर्जर ने बताया कि उन्हें Homo naledi के कुछ स्पेसिमेन भी मिले हैं. Homo naledi एक पाषाण युग का होमिनिड (Stone Age Hominid Homo naledi) था. होमिनड में Ape Family की सभी नस्लें आती हैं.
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट, क्रैडल ऑफ़ ह्यूमनकाइंड (Cradle of Humankind) में शोधार्थियों को Homo naledi के अवशेष ज़मीन से 100 फ़ीट नीचे मिले.
Homo naledi से जुड़े कुछ तथ्य
Homo naledi, एप्स और मॉर्डन ह्यूम्स के बीच की नस्ल थी. उसका दिमाग संतरे जितना बड़ा था और उसकी हाईट 1.5 मीटर थी. उसके हाथ और पैरों की उंगलियां मुड़ी हुई थी. वो औजार का इस्तेमाल करने में और पैरों से चलने में सक्ष्म था. 2013 में पहली बार, अफ़्रीका के राइज़िंग स्टार केव सिस्टम में Homo naledi के अवशेष मिले थे.
Homo sapiens से 1 लाख साल पुराना कब्रिस्तान
ABC की रिपोर्ट के मुताबिक ये दुनिया का सबसे पुराना कब्रिस्तान (Ancient Interments) है. ली बर्जर ने कहा, ‘होमिनिन रिकॉर्ड में दर्ज किए गए ये दुनिया के सबसे पुराने इंटरमेंट्स हैं. ये Homo sapiens इंटरमेंट्स से तकरीबन 1,00,000 साल पुराने हैं.’
इंटरमेंट्स (Interments) का मतलब है अंतिम संस्कार के बाद किसी के मृत शरीर को कब्र में दफ़नाना.
ह्यूमन एवोल्युशन पर उठे सवाल
वैज्ञानिकों का पहले ये मानना था कि बड़े ब्रेन्स वाले जीव ही कॉम्प्लेक्स एक्टिविटीज़ करते हैं. जैसे- किसी साथ वाले का अंतिम संस्कार करना. इससे पहले मिडिल ईस्ट और अफ़्रीका में Homo sapiens के जो कब्रिस्तान मिले थे वो तकरीबन अभी से 1,00,000 साल पुराने थे. डॉ. बर्जर और उनके साथियों द्वारा खोजे गए कब्रिस्तान 200,000 ईसा पूर्व की थी.
जिन ओवल-शेप्ड इंटरमेंट्स (या कब्र) की बात हो रही है 2018 में ऐसे ही कब्र मिले थे. रिसर्चर्स का दावा है कि जीवों ने गड्ढा खोदकर बॉडीज़ दफ़नाई और उस पर मिट्टी डाली. एक कब्र में कम से कम 5 जीव थे. शोधार्थियों का कहना है कि इस खोज से साबित होता है कि Homo sapiens से पहले भी अंतिम संस्कार किया जाता था. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ये कब्रिस्तान का मिलना इस बात का सबूत नहीं है कि Homo naledi कॉम्प्लेक्स इमोशन्स और कॉगनिटिव बिहेवियर शो करता था.