सिप्रिट खरीद में जीएसटी नंबर का बड़ा खेल, मेडिकल स्टोर के बाहर अंकित नंबर का प्रयोग करते थे आरोपी

इस साल जनवरी में प्रदेश में अवैध फैक्टरियों में बनने वाली जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद प्रदेश का पुलिस महकमा और एक्साइज डिपार्टमेंट काफी एक्टिव रहा। इस मामले में संलिप्त जिन शराब के कारोबारियों पर शक की सूई घूमी, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार भी किया। काफी संवदेनशील रहे इस मामले में ऐसे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा, जो दोषी तो नहीं थे, लेकिन किसी न किसी रूप में इस घटनाक्रम से लिंक जुड़ा हुआ था। हालांकि उन लोगों का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था। ऐसे निर्दोष लोगों में वे मेडिकल स्टोर वाले शामिल थे, जिनकी दुकानों के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में अंकित जीएसटी नंबरों का प्रयोग आरोपियों ने शराब बनाने के लिए प्रयोग होने वाली सिप्रिट खरीदने के लिए किया था। शुरू में जब मामला सुर्खियों में था, तो ऐसे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बाद में चली लंबी जांच प्रक्रिया के बाद खुलासा हुआ है कि अवैध शराब बनाने का काम करने वाले दूर-दराज के मेडिकल स्टोरों के बाहर लिखे जीएसटी नंबर का प्रयोग अवैध तरीके से सिप्रिट खरीदने के लिए करते थे। ऐसे दो-तीन मेडिकल स्टोर वालों के साथ ऐसा हुआ था। मामला उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब हमीरपुर से कुछ दूरी पर रंगस के एक मेडिकल स्टोर संचालक पर आरोप लगे थे कि हमीरपुर में पकड़ी गई अवैध शराब की फैक्टरी में जो सिप्रिट (इथाइल) बरामद हुआ था, वह उनके जीएसटी नंबर पर खरीदा गया था। हालांकि दुकान मालिक ने कहा था कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन उस वक्त मामला काफी गरमाया हुआ था, इसलिए आसानी से उनकी बात पर कोई भी यकीन करने को तैयार नहीं था। दुकान मालिक के अनुसार जब पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें सुंदरनगर बुलाया, तो उन्हें पता चला था कि जो सिप्रिट महाराष्ट्र की फर्म से यहां लाया जाता था, उसकी खरीद के लिए उनके मेडिकल स्टोर का जीएसटी नंबर इस्तेमाल किया गया था। दुकानदार के अनुसार उन्होंने अपना जीएसटी नंबर और मोबाइल नंबर नियमानुसार दुकान के बाहर बोर्ड पर लिख रखा है। हालांकि उस वक्त कुछ एक्सपर्ट कह रहे थे कि जीएसटी नंबर का दुरुपयोग हो सकता है। (एचडीएम)

11 आरोपियों की जमानत याचिका रद्द

डैहर। सुंदरनगर उपमंडल के बहुचर्चित शराब कांड के 11 आरोपियों की जमानत अदालत द्वारा रद्द करते हुए मात्र एक ही आरोपित की जमानत स्वीकृत की है। अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश अनुजा सूद की अदालत में शुक्रवार को आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। गौरतलब है कि शराब कांड में मुख्य सप्लायर व शराब बनाने का फार्मूला देने वालों सहित कुल 12 आरोपियों ने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। आरोपियों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या, साजिश रचना, सबूतों को नष्ट करना और आबकारी अधिनियम के तहत थाना सुंदरनगर में 19 जनवरी को मामला दर्ज हुआ था। सभी आरोपित पिछले दो महीनों से न्यायिक हिरासत में हैं। 12 में से अदालत ने सलापड़ क्षेत्र के एक आरोपित की ही जमानत याचिका स्वीकृत करते हुए उसे जमानत पर रिहा करते हुए शेष 11 आरोपितों की याचिका खारिज कर दी है।