पहले खाने के तेल व पेट्रोल-डीजल के दाम किए गए थे कम
देश में बढ़ रही महंगाई से आम आदमी को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से भी आम आदमी को महंगाई पर लगातार राहत देने की कोशिश की जा रही है। अब केंद्र सरकार ने चीनी (Sugar) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सरकार ने चीनी के निर्यात पर 1 जून, 2022 से पाबंदी लगा दी है।
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केंद्र सरकार का कहना है कि चीनी की निर्यात पर पाबंदी लगाने का मकसद घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता को बढ़ाना और मूल्य वृद्धि को रोकना है। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म की थी। जिसका सीधा असर खाने के तेल पर पड़ा था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि चीनी (कच्ची, रिफाइन और व्हाइट शुगर) का निर्यात 1 जून, 2022 से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। ये पाबंदी सीएक्सएल और टीआरक्यू के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जा रही चीनी पर लागू नहीं होगी। इन क्षेत्रों में सीएक्सएल और टीआरक्यू के तहत एक निश्चित मात्रा में चीनी का निर्यात किया जाता है। डीजीएफटी की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, 1 जून, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक या अगले आदेश तक चीनी के निर्यात की अनुमति चीनी निदेशालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की विशिष्ट अनुमति के साथ दी जाएगी।
वहीं, सरकार की तरफ से जारी एक बयान में ये भी कहा गया कि चीनी मौसम 2021-2022 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी की घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए 1 जून, 2022 से चीनी निर्यात पर फैसला किया गया। चीनी मौसम के दौरान घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के मकसद से 100 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) तक चीनी निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है।