यह एक छोटे से गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है। इसे स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है और यह अपने लक्ष्य को आसानी से भेदने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से अभ्यास हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का सफल परीक्षण किया। इस लड़ाकू ड्रोन का फ्लाइट टेस्ट बुधवार को किया गया। इससे भारतीय रक्षा प्रणाली को और मजबूती मिलेगी। परीक्षण के दौरान लक्ष्य को जमीन-आधारित नियंत्रक से सबसोनिक गति से पूर्व-निर्धारित उड़ान पथ में उड़ाया गया। वाहन का इस्तेमाल विभिन्न मिसाइल प्रणालियों की निगरानी के लिए हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है।
छोटे से गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है अभ्यास
यह एंडो-वायुमंडलीय, सतह से हवा और हवा से हवा में मार करने में सक्षम है। परीक्षण के दौरान वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से इसके मार्ग, स्पीड आदि की निगरानी करते रहे। यह एक छोटे से गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है। इसे स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है और यह अपने लक्ष्य को आसानी से भेदने में सक्षम है। अभ्यास का निर्माण 2012 से चल रहा था। डीआरडीओ के मुताबिक यह हथियार प्रणाली को परीक्षण के लिए एक रियलिस्टिक खतरे का दृश्य देता है, जिसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों या हवा में मार करने वाले हथियारों का परीक्षण किया जा सकता है।