पटना के एडीएम केके सिंह ने हाथ में तिरंगा लिए दरभंगा के एक अभ्यर्थी अनीसुर्रहमान की जम कर पिटाई कर दी थी। इसको लेकर राज्य भर में बवाल मचा हुआ है। अनीसुर्रहमान ने मीडिया से बातचीत में बिहार सरकार को पांच दिन का समय दिया और कहा कि अगर इसके भीतर नियोजन नहीं होता है तो राज्य भर में जेपी आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलाया जाएगा।
दरभंगा: सातवें चरण की शिक्षक बहाली के लिए आंदोलन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर सोमवार को लाठी चार्ज हुआ था। इस दौरान पटना के एडीएम केके सिंह ने हाथ में तिरंगा लिए दरभंगा के एक अभ्यर्थी अनीसुर्रहमान की जम कर पिटाई कर दी थी। इसको लेकर राज्य भर में बवाल मचा हुआ है। अनीसुर्रहमान का इलाज दरभंगा के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बिहार सरकार को पांच दिन का समय दिया और कहा कि अगर इसके भीतर नियोजन नहीं होता है तो राज्य भर में जेपी आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलाया जाएगा।
अनीसुर्रहमान ने कहा कि वे लोग जेपी आंदोलन की दूसरी उपज हैं। जो जेपी आंदोलन से उपजे थे वे जेपी आंदोलन के समर्थकों को इस तरह कुचल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब जेपी की नई नस्लें पैदा हो रही हैं। ये नस्लें ऐसा नेतृत्व करेंगी कि बिहार ही नहीं बल्कि विश्व के युवाओं को मार्गदर्शक के रूप में अपने आप को आगे रखेंगी। उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, अपने भारत स्तर पर युवाओं की आवाज बुलंद करेंगे। पिउन से लेकर प्रोफेसर तक के पोस्ट का वार्षिक नोटिफिकेशन हर राज्य और केंद्र सरकार को जारी करना पड़ेगा। उन्होंने राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि पॉलिटिक्स में आना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन पॉलिटिक्स उनका भविष्य नहीं है। वे खुद को टीचर की भूमिका में ही रहना चाहेंगे।
अनीसुर्रहमान ने कहा कि उनकी सबसे पहली मांग ये है कि एडीएम के द्वारा तिरंगे का अपमान हुआ है उन पर देशद्रोह का चार्ज लगना चाहिए। उन्हें 5-10 घंटे के भीतर नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने सिर पर मारा है, अटेम्प्ट टू मर्डर का चार्ज लगाकर उन पर एफआईआर होना चाहिए। उन्होंने कहा देशद्रोह के मामले पर भी एफआईआर होनी चाहिए और जिंदगी भर के लिए उन्हें जेल होनी चाहिए।
उन्होने कहा कि दूसरी मांग यह है कि 5 दिनों के भीतर सातवें चरण की संपूर्ण बहाली होनी चाहिए। उन्होंने एनडीए और महागठबंधन सरकार में अंतर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कोई अंतर नहीं है। ये चांडालों की सरकार है। चाहे किसी की भी सरकार हो। एनडीए की सरकार ने भी उन्हें तीन साल से ज्यादा समय से ठगा है। कोई सरकार हमारे युवा हित में नहीं है। मैं एक ही बात कहता हूं न हमारे युवा हित में नहीं है। मजदूर, बेरोजगार युवकों की आवाज बुलंद करने वाला अब पॉलिटिक्स में है ही नहीं कोई।