Bihar News in Hindi : बिहार में पटना एम्स के डॉक्टरों ने चिकित्सा जगत में एक तरह से चमत्कार कर दिखाया है। यहां तीन हफ्ते का एक ऐसा शिशु लाया गया था जिसे मेटाबोलिज्म की जन्मजात दुर्लभ बीमारी थी। आखिर में बच्चे के डायलिसिस का फैसला लिया गया। इस फैसले ने शिशु की जान बचा दी।
दुलर्भ बीमारी से बचाई गई 3 हफ्ते के शिशु की जान
यह एक जोखिम भरी प्रक्रिया थी क्योंकि इसमें पेट में कैथेटर डालना शामिल था, लेकिन यह आवश्यक और जीवनरक्षक था। टीम में कंसल्टेंट नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ भावेश, डॉ रामेश्वर, डॉ सौरभ, डॉ केशव, डॉ रिची और रेजिडेंट डॉ पुलक, डॉ संजीव, डॉ जनारथनन और डॉ श्रेया शामिल थे। इस प्रक्रिया की मदद से अमोनिया के स्तर को तेजी से कम किया जा सकता है। आनुवंशिक विश्लेषण से पता चला कि नवजात शिशु को प्रोपियोनिक एसिडमिया नामक दुर्लभ जन्मजात बीमारी है। बच्ची को विशेष कम प्रोटीन वाले आहार पर शुरू किया गया, जिस पर उसकी स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ और 3 हफ्तों के बाद उसे अस्पताल से सफलतापूर्वक छुट्टी दे दी गयी।