बिहार : आरक्षण पर सवार होगी सियासत? लोहार-नोनिया-निषाद-बिंद नहीं बन पाए ST, यूपी की गोंड जाति ने मारी बाजी

यूपी के 13 जिलों में फैले गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति (एससी) से हटाकर अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किया जाएगा। नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी। गोंड जाति की पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को भी अनुसूचित जाति का दर्जा मिलेगा। यूपी के लगभग 5 लाख लोगों को फायदा होगा।

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पटना : उत्तर प्रदेश की गोंड जाति को अनुसूचित जाति (SC) से हटाकर अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने के प्रस्ताव को नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी। गोंड की पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को भी ST में शामिल किया जाएगा। दिल्ली से लखनऊ होते हुए जब ये खबर पटना तक पहुंची तो खलबली मच गई। JDU कोटे के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर बिहार के लोगों की मांग को नजरअंदाज कर दिया। राज्य सरकार ने लोहार, नोनिया, बेलदार, निषाद, बिंद जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा वर्षों पहले की थी। जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बिहार को नजरअंदाज करने का आरोप
उत्तर प्रदेश की गोंड और उसकी पांच उपजातियों (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड) को अब अनुसूचित जाति (ST) का सर्टिफिकेट मिलेगा। इससे उनको शिक्षा और नौकरी में लाभ होगा। केंद्र के इस फैसले से बिहार में सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। बिहार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया से कहा है कि ‘केंद्र सरकार के बिहार के साथ भेदभाव कर रही है।’ उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तृतीय संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी। अब यह संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके माध्यम से हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के कई जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का फैसला हुआ।’

आरक्षण के बहाने बिहार में सियासी बयानबाजी
बिहार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि ‘ये काफी दुखद है कि केंद्र सरकार ने एक बार फिर बिहार के लोगों की मांग को नजरअंदाज कर दिया। लोहार, नोनिया, बेलदार, निषाद, बिंद जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा बिहार सरकार ने वर्षों पहले की थी। 2008 से लगातार मांग उठाई जा रही है। राज्य की ओर से केंद्र सरकार को कई स्मार पत्र भी भेजे गए, मगर राजनीतिक दुर्भावना से ग्रस्त केंद्र सरकार बिहार के प्रति हमेशा उपेक्षापूर्ण रवैया दिखाती रहती है। हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं तो आनन-फानन में वहां और दूसरे राज्यों की मांग मान ली गई। इस तरह का भेद-भाव ठीक नहीं है, केंद्र को तुरंत इस पर विचार करनी चाहिए

यूपी के 13 जिलों में पहले से ST का दर्जा
दरअसल, यूपी के चार और जिलों में गोंड जाति और उससे जुड़ी पांच उपजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ये फैसला हुआ। अब तक गोंड और इनसे जुड़ी उपजातियों को सिर्फ 13 जिलों में एसटी का दर्जा मिला हुआ था। अब इन जिलों से ही काटकर बनाए गए चार नए जिलों चंदौली, संत रविदासनगर (भदोही), संत कबीरनगर और कुशीनगर में भी ये सुविधा मिलेगी। मतलब उत्तर प्रदेश में 13 जिलों में इन्हें पहले से एसटी का दर्जा हासिल है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि कई राज्यों की अलग-अलग जातियां खुद को एसटी में शामिल करने की लंबे समय से मांग कर रही थीं। संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण में संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) बिल लाया गया था। इस बिल को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन सरकार इसे राज्यसभा में पारित कराने में विफल रही थी।